पृथ्वीराज चव्हाण : भारत में लोकतंत्र खतरे में, तानाशाही की शुरुआत
भारत में लोकतंत्र खतरे में, तानाशाही की शुरुआत
पुणे : दुनिया भर में अब तक एडोल्फ हिटलर (Adolf Hitler) समेत सभी तानाशाह लोकतांत्रिक (Dictator Democratic) तरीके से चुने गए थे। उसे भारत में भी दोहराया जा रहा है। देश में लोकतंत्र खतरे में है और तानाशाही की शुरुवात हो गई है, ऐसा पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने शनिवार को पुणे (Pune) में एक कार्यक्रम में कहा।
पत्रकार सुरेश भटेवरा द्वारा लिखित पुस्तक 'शोध गांधी-नेहरू पर्व का' के तीसरे संस्करण का विमोचन शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर पुणे में चव्हाण ने किया। इस समय चव्हाण ने कहा की, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं। इसीलिए 1975 के आपातकाल के बाद भी उन्होंने फिर से लोकतांत्रिक तरीके से देश में चुनाव कराए। लेकिन अगर इंदिरा गांधी नेहरू की बेटी नहीं होतीं, तो देश में आपातकाल के बाद के चुनाव नहीं होते। इंदिरा गांधी को आपातकाल राजनीतिक भेद्यता के कारण लगाना पड़ा था। लेकिन आपातकाल के बाद वह बेचैन थी, ऐसा चव्हाण ने कहा।
…तो देश की तस्वीर कुछ और दिखती
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भारत में कंप्यूटर और मोबाइल क्रांति लाई। राजीव गांधी ने वर्तमान डिजिटल क्रांति की शुरुआत की। उनके पास देश के विकास के लिए एक विजन था। अगर राजीव गांधी आज जिंदा होते तो देश की राजनीति कुछ और ही नजर आती और मैं भी कुछ अलग दिखाई देता, ऐसा चव्हाण ने कहा। इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उल्हास पवार, सांसद कुमार केतकर, पूर्व विधायक मोहन जोशी, कम्युनिस्ट पार्टी के नेता दत्ता देसाई, पुस्तक के लेखक सुरेश भटेवरा, प्रकाशक अरविंद पाटकर आदि मौजुद थे।
गांधी परिवार को जानबूझकर परेशान किया जा रहा
नेशनल हेराल्ड मामले की जांच 2012 से चल रही है। बीजेपी ने 2015 में इस मामले में कोई सच्चाई नहीं होने से इनकार करते हुए मामले को बंद कर दिया था। फिर भी 2019 में फिर से वही मामला उठाया गया है। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी आदि से अब तक करीब 55 घंटे तक पूछताछ की जा चुकी है। अभी भी कोई तथ्य नहीं मिला है। लेकिन केवल द्वेष और साज़िश के कारण गांधी परिवार को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, ऐसा कुमार केतकर ने कहा।