अब दशहरा रैली पर मचा घमासान, उद्धव-शिंदे गुट में बढ़ेगा विवाद

एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde) के नेतृत्व में राज्य में सत्ता बदलने के बाद शिवसेना (Shiv Sena) संगठन पर कब्जे को लेकर उठापटक जारी है

Update: 2022-08-29 10:23 GMT
मुंबई: एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde) के नेतृत्व में राज्य में सत्ता बदलने के बाद शिवसेना (Shiv Sena) संगठन पर कब्जे को लेकर उठापटक जारी है। हर साल दशहरे पर होने वाली शिवसेना की परंपरागत दशहरा रैली (Dussehra Rally) पर अभी से ही घमासान शुरू हो गया है।
दो दिन पहले विधायक आदित्य ठाकरे (MLA Aditya Thackeray) ने एक बयान में कहा था कि दशहरा रैली शिवसेना की थी और शिवसेना की रहेगी। उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रशासन ने अभी तक दशहरा सभा की अनुमति नहीं दी है।
उद्धव गुट को अधिकार नहीं
इस बीच, शिंदे गुट के शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि उद्धव गुट को दशहरा रैली करने का अधिकार ही नहीं है, क्योंकि उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा को त्याग दिया है। नरेश म्हस्के ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे दशहरा रैली को लेकर जल्द ही निर्णय लेंगे। उल्लेखनीय है कि शिवसेना पार्टी पर कब्जे को लेकर दोनों गुटों की कवायद जारी है। सीएम एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसद हैं।
दोनों गुटों में तनाव
पार्टी पर कब्जे के दावे का मामला कोर्ट से लेकर चुनाव आयोग तक पहुंच चूका है। इसके पहले शिवसेना की रैली को लेकर भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू होने से दोनों गुटों में तनाव की संभावना बढ़ गई है। उधर, पूर्व महापौर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि इसका उत्तर शिवसेना कार्यकर्ता देंगे। शिवसेना उद्धव गुट के विधायक भास्कर जाधव ने कहा कि शिवसैनिक आग हैं, उनकी भावनाओं से खेलने का प्रयास न करें।

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