नरेश म्हस्के ने कहा- कई पार्टी के नगरसेवकों के साथ पदाधिकारी शिंदे गुट में शामिल होने के इच्छुक
शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से नाराज नेता और पदाधिकारी अब एक-एक कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट (Chief Minister Eknath Shinde Camp) में शामिल हो रहे हैं
ठाणे: शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से नाराज नेता और पदाधिकारी अब एक-एक कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट (Chief Minister Eknath Shinde Camp) में शामिल हो रहे हैं। अब शिंदे गुट की नजर जिले के एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के नगरसेवकों और पदाधिकारियों पर है और अब इन दोनों दलों को झटका देने की लगभग तैयारी कर ली गई है क्योंकि ठाणे के पूर्व महापौर और शिंदे शिवसेना गुट के जिला प्रमुख नरेश म्हस्के (Naresh Mhaske) ने दावा किया कि जिले में कांग्रेस और एनसीपी के कई नगरसेवकों सहित पदाधिकारी शिंदे गुट में शामिल होने के इच्छुक हैं और वे अगले कुछ दिनों में शिंदे गुट में शामिल हो जाएंगे। इसी दावे के बाद अब इसे बल मिलता दिखाई दे रहा है।
शिवसेना से बगावत कर राज्य में सत्ता स्थापित करने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को राज्य के साथ-साथ ठाणे जिले में भी शिवसेना नगरसेवकों और पदाधिकारियों का समर्थन मिल रहा है। वहीं नरेश म्हस्के के दावे से लगता है कि शिंदे गुट अब जिले में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है।
कांग्रेस और एनसीपी के भी कई नगरसेवक पार्टी नेतृत्व से नाराज
नरेश म्हस्के ने ठाणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उनके साथ पूर्वेश प्रताप सरनाइक भी मौजूद थे। म्हस्के ने उक्त दावा किया और कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के भी कई नगरसेवक और पदाधिकारी पार्टी नेतृत्व से नाराज है और वे जल्द ही शिंदे गुट में शामिल होंगे।
शिंदे गुट में शामिल हुए युवा सेना के नितिन लांडगे
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान युवा सेना के विस्तारक नितिन लांडगे ने घोषणा की कि वह शिंदे समूह में शामिल हो रहे है और युवा सेना के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें शिवसेना सांसद राजन विचारे के समर्थक के रूप में जाना जाता है। शिवसेना में बगावत के बाद वह उद्धव ठाकरे के साथ रहे। दो दिन पहले आदित्य ठाकरे की शिवसंवाद यात्रा ठाणे जिले के भिवंडी और शाहपुर तालुका में हुई थी। उस समय शिवसैनिक उनके स्वागत के लिए आनंद नगर में एकत्रित हुए थे। इसमें नितिन लांडगे भी मौजूद थे। शिंदे गुट में शामिल होने के बाद शिवसेना के साथ सांसद विचारे के लिए इसे झटका माना जा रहा है। नितिन लांडगे ने कहा कि शिवसेना में बगावत के बाद असमंजस का माहौल था, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से चर्चा के बाद भ्रम दूर हुआ। साथ ही उनकी दृष्टि और हिंदू धर्म की भूमिका के कारण उनका समर्थन करने का फैसला किया।