मुंबई। मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल (Iqbal Singh Chahal) के पिछले 6 महीनो के काम काज पर मनपा विरोधी पक्ष नेता रहे रविराजा ने आयुक्त को बेबस आयुक्त की उपाधि दी है। मनपा आयुक्त द्वारा पिछले 6 माह के कार्यकाल पर कहा कि मनपा का कार्यकाल 7 मार्च को खत्म होने के बाद से लोक प्रतिनिधि का अधिकार कुछ नही रहा जिसका फायदा उठाकर मनपा आयुक्त मनमानी कर रहे है। मनपा आयुक्त ने चुनाव की तैयारी को लेकर वार्डो का परसीमन किया जिसको लेकर भी अब जांच शुरू हो गई है। मनपा आयुक्त दबाव में काम करते है इसका खुलासा अभी पिछले कुछ दिनों से अधिकारियों का तबादला कर वापस ले रहे है इससे समझ में आ सकता है कि आयुक्त किस दबाव में काम करते है। मनपा आयुक्त ने वार्डो के परसीमन किया उसमें भी भारी गड़बड़ियां हुई जिसको लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंन्द्र फडणवीस ने किए गए वार्डो के परसीमन की एस आए टी से और एंटीकरप्शन से जाँच कराने का आदेश दिया है।परसीमन में हुए घपले का कांग्रेस की ओर से स्वागत है। जो अधिकारी इसमें शामिल है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए ।रविराजा ने आरोप लगाया कि आयुक्त दबाव में काम कर रहे है।पिछले दो साल से ऐसा कई निर्णय है जो लिए और खुद वापस लिए है।मनपा आयुक्त खुद ही अधिकारियो के ट्रांसफर का ऑर्डर निकालते है ऑर्डर कोई कर्मचारी नहीं निकालता मनपा आयुक्त ऑर्डर निकालने के बाद खुद ही वापस भी ले रहे है जो नहीं होना चाहिए।
भिंडीबाजार पुनर्विकास परियोजना में मनपा को 300 करोड़ का नुकसान
मनपा विरोधी पक्ष नेता रविराजा ने आरोप लगाया कि भिंडी बाजार में प्रस्तावित समूह पुनर्विकास योजना में मनपा को ३०० करोड़ का नुकसान हुआ है। मनपा ने अपने 23 भूखंड सैफी बुरहाणी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट को दिया जिसके बदले में मनपा को 2 भूखंड मिले। मनपा ने जब संस्था को अपना भूखंड दिया उस समय उसकी कीमत 500 करोड़ की थी लेकिन मनपा को जो जमीन मिली उसकी कीमत मात्र 200 करोड़ ही है जिससे मनपा को 300 करोड़ का नुकसान हुआ इस तरह का आरोप विरोधी पक्ष नेता ने लगाया ।इस संबंध में रवि राजा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर राजस्व के नुकसान की जांच की मांग की है।