मुंबई। राज्य सरकार और नीति आयोग मिलकर मुंबई के आर्थिक कायापलट का मास्टर प्लान (master plan) तैयार करेंगे। मंगलवार को मंत्रालय में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम (BVR Subramaniam) ने इस बारे में प्राथमिक प्रेजेंटेशन दिया। इसके बाद राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर दिसंबर तक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित उपस्थित थे। इस बैठक में मुंबई महानगर प्रदेश (एमएमआर) में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के विकास के साथ आर्थिक विकास करने और इस क्षेत्र की जीडीपी 300 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार ने इस बारे में नीति आयोग से संपूर्ण समन्वय रखेगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की स्वतंत्र टीम नियुक्ति की जाएगी। देश में मुंबई, सूरत, विशाखापट्टनम और वाराणसी जैसे चार शहरों के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और उप मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने भी कुछ सुझाव दिए।
मुंबई में अपार संभावनाएं
सुब्रमण्यम ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि मुंबई सहित देश में एमएमआर की मौजूदा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 140 बिलियन डॉलर है। यह जीडीपी पुर्तगाल, कोलंबिया, सऊदी अरब, मलेशिया, इजरायल, चिली से भी ज्यादा है। एमएमआर की जनसंख्या वर्ष 2023 तक 2 करोड़ 70 तक बढ़ेगी।पिछले 5 साल में मुंबई महानगर की विकास दर 5 से साढ़े पांच फीसदी रही है। 2030 तक मुंबई की जीडीपी बढ़ाने के लिए और 150 बिलियन डॉलर के निवेश की जरूरत है। तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पंजाब जैसे राज्यों में शहरी जनसंख्या 2030 तक 50 प्रतिशत होगी। इसके लिए राज्य के महत्वपूर्ण शहरों में ऐसी आर्थिक क्षमता बनाना जरूरी है।
नोडल अधिकारी एवं टीम नियुक्त की जाएगी
उन्होंने कहा कि देश की कुल जीडीपी में महाराष्ट्र का योगदान सबसे ज्यादा 13 फीसदी है। उन्होंने कहा कि केवल इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा बढ़ाने से विकास नहीं होगा, सही अर्थों में मुंबई महानगर की क्षमता को देखते हुए इस भाग का आर्थिक विकास करने की जरूरत है। इसके लिए अगले चार महीने में नीति आयोग एक प्लान पेश करेगा। उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि यह प्लान तैयार करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र और समर्पित अधिकारियों की एक टीम राज्य सरकार बनाए तथा एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि मुंबई की तरह राज्य के अन्य सभी शहरों का विकास भी चरणबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत सहमत प्रकट करते हुए निर्णय लिया गया कि दिसंबर तक इस योजना का प्रारंभिक प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के समक्ष किया जाएगा।
विकास के लिए मांगी पोर्ट ट्रस्ट की जगह
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के सहयोग से मुंबई और उसके आसपास के आर्थिक विकास के लिए निश्चित रूप से प्राथमिकता वाले कदम उठाए जाएंगे। केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले पोर्ट ट्रस्ट के पास काफी जगह है। इसका सही तरीके से उपयोग करने पर यह जमीन मुंबई की आर्थिक विकास प्रक्रिया में बहुत काम आ सकती है। इस संबंध में केंद्र से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पूर्वी सागर तट को भी मरीन ड्राइव (Marine Drive) की तरह विकसित और सुंदर बनाया जा सकता है।