Mumbai Metro-3 : भूमिगत मेट्रो का मुंबईकरों को करना होगा कुछ और इंतजार
भूमिगत मेट्रो का मुंबईकरों को करना होगा कुछ और इंतजार
मुंबई: आर्थिक राजधानी की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो-3 (Mumbai First Underground Metro-3) के लिए मुंबईकरों (Mumbaikars) को कुछ इंतजार (Wait) और करना होगा। 33.5 किलोमीटर बांद्रा-कोलाबा-सीप्ज़ मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो-3 की टनलिंग (Tunneling) का काम 99 प्रतिशत पूरा हो गया है। राज्य में सरकार बदलते ही मेट्रो-3 सहित अन्य परियोजनाओं में तेजी लाने की पहल शुरू हो चुकी है।
मेट्रो-3 के काम में हुई देरी और कारशेड विवाद के बीच मेट्रो के 3 रेक तैयार भी हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि मेट्रो-3 के लिए पहले चरण में 8 ट्रेन बनाने का ऑर्डर एल्सटोम कंपनी को दिया गया था। इनमें से 2 प्रोटोटाइप ट्रेन कंपनी के आंध्र प्रदेश स्थित श्री सिटी के प्लांट में तैयार हो चुके थे। एमएमआरसीएल के अनुसार, दो रेक को मुंबई के लिए डिस्पैच कर दिया गया है। जल्द ही मेट्रो-3 के दो रेक मुंबई पहुंच जाएंगे, हालांकि ट्रेन के लिए डिपो तैयार नहीं है।
अश्विनी भिड़े को जिम्मेदारी
राज्य सरकार ने मेट्रो-3 का निर्माण कर रही एमएमआरसीएल के एमडी पद का अतिरिक्त कार्यभार वरिष्ठ आईएएस अश्विनी भिड़े को दे दिया है। उल्लेखनीय है कि मेट्रो-3 के लिए आरे में कारशेड बनाए जाने की जिम्मेदारी देवेंद्र सरकार के समय में अश्विनी भिड़े को ही दी गई थी। एक बार फिर एमएमआरसी की जिम्मेदारी अश्विनी भिड़े को दी गई है। इससे मेट्रो-3 के साथ कारशेड के काम में भी तेजी आएगी।
स्टेशनों का काम शुरू
हुतात्मा चौक-सीएसएमटी स्टेशन का काफी काम हो चुका है। प्लेटफार्म का लगभग 80 प्रतिशत और कॉनकोर्स लेवल अथार्थ टिकट घर के साथ स्टेशन के छत का काम भी लगभग 95 प्रतिशत हो गया है। अंडरग्राउंड स्टेशनों के फिलिंग का काम भी हो रहा है। इस तरह स्टेशन से संबंधित अन्य कार्य भी 85 प्रतिशत तक हो गए हैं। वैसे 2024 के पहले इस मेट्रो का संचालन शुरू नहीं हो पाएगा।
काम में देरी से बढ़ी लागत
वर्ष 2016 में एमएमआरसीएल के माध्यम से मेट्रो-3 के काम की शुरुआत हुई। जापान सरकार के वित्तीय सहयोग से शुरू हुए अंडर ग्राउंड मेट्रो के काम को 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य था, परंतु कोरोना, कारशेड विवाद सहित अनेक कारणों की वजह से परियोजना में देरी होती रही। देरी की वजह से लागत बढ़कर 33 हजार करोड़ हो गई है। भूमिगत ट्रैक पर मरोल मरोशी में ट्रायल रन की योजना है।
मेट्रो-3 एक नजर में
कोलाबा-बांद्रा-सीपज्ड तक लगभग 33.50 किमी लंबी मुंबई की यह पहली अंडर ग्राउंड मेट्रो।
मेट्रो मार्ग पर कुल 27 स्टेशन हैं, इनमें 26 स्टेशन अंडर ग्राउंड और 1 स्टेशन जमीन के ऊपर।
इस मेट्रो परियोजना की लागत लगभग 33 हजार करोड़ है।
मेट्रो-3 को नेवी नगर तक बढ़ाने का फैसला पिछली सरकार में हुआ है।