मुंबई। Mumbai: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिल्डर ललित टेकचंदानी और 15 अन्य आरोपियों के खिलाफ मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है। पीसी 15 मई को दायर की गई थी, और अदालत ने 29 मई को इसका संज्ञान लिया। ईडी ने तलोजा पुलिस स्टेशन और चेंबूर पुलिस स्टेशन द्वारा आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज दो एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि टेकचंदानी और अन्य द्वारा प्रतिनिधित्व की जाने वाली कंपनी मेसर्स सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड (एससीडीपीएल) ने नवी मुंबई के तलोजा में एक में संभावित घर खरीदारों से भारी मात्रा में धन एकत्र किया। घर खरीदारों को न तो फ्लैट दिए गए और न ही उन्हें पैसे वापस किए गए। ईडी की जांच से पता चला कि मेसर्स सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड (एससीडीपीएल) ने तलोजा हाउसिंग प्रोजेक्ट में कई घर खरीदारों से 400 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि एकत्र की। परियोजना में देरी के कारण इन घर खरीदारों को न तो फ्लैट मिले और न ही रिफंड। टेकचंदानी को मार्च 2024 में ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। उससे पूछताछ में पता चला कि घर खरीदारों से प्राप्त धन को बिल्डर ने निजी लाभ के लिए और परिवार के सदस्यों सहित विभिन्न नामों से संपत्ति बनाने के लिए लूटा था। हाउसिंग प्रोजेक्ट