महाराष्ट्र के अल्ट्रा साइक्लिस्ट कबीर राचूर ने रेस एक्रॉस अमेरिका में अपने वर्ग में पोडियम पर बनाई जगह
महाराष्ट्र के अल्ट्रा साइक्लिस्ट कबीर राचूर ने रविवार को रेस एक्रॉस अमेरिका (रैम) में अपने वर्ग में पोडियम पर जगह बनाई
महाराष्ट्र के अल्ट्रा साइक्लिस्ट कबीर राचूर ने रविवार को रेस एक्रॉस अमेरिका (रैम) में अपने वर्ग में पोडियम पर जगह बनाई. दुनिया की सबसे मुश्किल साइकिल रेस मानी जाने वाली रैम में यह उपलब्धि हासिल करने वाले कबीर पहले भारतीय हैं. बंबई उच्च न्यायालय में वकालत करने वाले मराठवाड़ा के रहने वाले वकील कबीर एकल पुरुष अंडर-50 वर्ग में तीसरे स्थान पर रहे. आधिकारिक तालिका के अनुसार उन्होंने 3038 मील की दूरी 11 दिन, 11 घंटे और 25 मिनट में पूरी की.
इस रेस के दौरान घड़ी लगातार चलती रहती है और प्रतिभागियों को अमेरिका के पश्चिमी तट से पूर्वी तट की दूरी 12 दिन से कम में पूरी करनी होती है और इस दौरान नींद, खाने जैसी अपनी सभी जरूरतों पर भी ध्यान देना होता है जो इससे सबसे मुश्किल एंड्यूरेंस रेस बनाता है. साइक्लिस्ट के साथ एक सपोर्ट क्रू भी गाड़ियों पर रहता है और दिन ढलने के बाद सुरक्षा कारणों से साइक्लिस्ट के पीछे-पीछे चलता रहता है. इस दौरान यह क्रू ही साइक्लिस्ट की सभी जरूरतों को पूरी करता है.
भारतीयों ने लगभग एक दशक पहले इस साइकिल रेस में हिस्सा लेना शुरू किया था और टू मैन कैटेगरी में जीत भी हासिल की है. खुद राचुरे के लिए भी रेस एक्रॉस अमेरिका में यह दूसरी सफलता है. उनके अलावा भी दो और भारतीय इस रेस के सोलो इवेंट में हिस्सा ले रहे थे. लेकिन, वो इसे पूरा नहीं कर पाए. सोलो कैटेगरी के विजेता ऑस्ट्रेलिया के ऐलन जैफरसन जो 50-59 साल के उप-समूह में थे, जिन्होंने केवल 10 दिन में रेस पूरी की. उनके बाद चेक रिपब्लिक के स्वाता बोजक रहे. उन्होंने जैफरसन के तीन घंटे बाद फीनिश लाइन टच किया. वहीं, स्विजरलैंड की महिला साइक्लिस्ट निकोल राइस्ट ओवरऑल तीसरे स्थान पर रहीं.मेंस के अंडर-50 ऐज ग्रुप का सोलो इवेंट बोजाक ने जीता जबकि अमेरिका के फिल फॉक्स ने भारत के कबीर राचुरे से 6 घंटे पहले रेस पूरी की.