मुंबई। वेदांता-फॉक्सकॉन (Vedanta-Foxconn) सेमीकंडक्टर परियोजना के गुजरात जाने से उठे राजनीतिक विवाद के बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शिवसेना पर जमकर निशाना साधा। लघु उद्योग भारती के प्रदेश अधिवेशन में पहुंचे उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन्होंने दो साल में कुछ भी नहीं किया, वे हम पर उंगली उठा रहे हैं। वे हमें समझाईश दे रहे हैं। महाविकास आघाड़ी के ढाई साल के कार्यकाल में निवेश के मामले में महाराष्ट्र से आगे गुजरात निकल गया, लेकिन हम अगले दो साल में फिर से महाराष्ट्र को नंबर वन बना देंगे। गुजरात और महाराष्ट्र के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। हमें गुजरात-कर्नाटक से आगे जाना है और महाराष्ट्र को नंबर वन राज्य बनाना है। महाराष्ट्र नंबर दो पर कभी नहीं रहेगा।
सीधे की थी अनिल अग्रवाल से बातचीत
रूस की यात्रा से सीधे कार्यक्रम स्थल एनएमआईएमएस मुकेश पटेल, सभागृह विलेपार्ले पहुंचे उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार बनने के अगले ही दिन हमने एमआईडीसी अधिकारियों की बैठक बुलाई। अधिकारियों ने वेदांता-फॉक्सकॉन के बारे में कहा कि उनका झुकाव गुजरात की तरफ दिख रहा है और हमें थोड़ी जल्दबाजी करनी पड़ेगी। फडणवीस ने कहा कि यह सुनने के बाद मैंने तत्काल वेदांता के प्रमुख अनिल अग्रवाल को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आप गुजरात क्यों जा रहे हैं? हम आपको गुजरात से अच्छा पैकेज देने के लिए तैयार हैं। मैं उनके घर भी गया। अग्रवाल का कहना था कि हम गुजरात में योजना लगाने के अंतिम दौर में पहुंच गए हैं और अब वापस आना कठिन है, लेकिन हम आपको आश्वस्त करते हैं कि महाराष्ट्र में निवेश अवश्य करेंगे। उन्होंने यह फैसला हमारी सरकार आने के पहले ही ले लिया था। इसके बावजूद हमने उन्हें यहां लाने का प्रयास किया, जिन्होंने कुछ भी नहीं किया, वे हम पर ऊंगली उठा रहे हैं। वे हमें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
विदेशी निवेश घटकर 18 बिलियन डॉलर
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वर्ष 2013 में महाराष्ट्र विदेशी निवेश के मामले में पांचवें नंबर था। 2014-15 में वह दूसरे नंबर पर आ गया। 2015 के बाद 2019 तक लगातार पहले नंबर पर रहा। 2017 में हमारे बाद वाले राज्य मसलन गुजरात, तमिलनाड़ु, दिल्ली का कुल विदेशी निवेश 13 बिलियन डॉलर था, जबकि अकेले महाराष्ट्र का निवेश 20 बिलियन डॉलर तक जा पहुंचा। हम विदेशी निवेश को 6 बिलियन से बढ़ाकर 24 बिलियन डॉलर तक ले गए। दुर्भाग्य से हम पिछले दो साल में नीचे खिसक गए और गुजरात पहले नंबर पर आ गया। इस दौरान गुजरात में विदेशी निवेश 3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 23 बिलियन डॉलर तक जा पहुंचा और महाराष्ट्र में 24 बिलियन डॉलर से घटकर 18 बिलियन डॉलर हो गया।
रिफाइनरी-बंदरगाह का विरोध क्यों किया?
फडणवीस ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि लगातार पांच साल तक हमने गुजरात को पीछे छोड़ दिया था और महाराष्ट्र को नंबर वन पर लेकर आए थे। जो लोग आरोप लगा रहे हैं उन्होंने गुजरात को नंबर वन पर जाने दिया और महाराष्ट्र को नीचे लेकर आ गए। मेरा सवाल है कि तीन लाख 50 करोड़ रुपए के निवेश वाली देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी परियोजना लगने वाली थी, लेकिन आपने (शिवसेना) ने उसका विरोध किया और परियोजना नहीं लगने दी। महाराष्ट्र में आपने वाडवण बंदरगाह परियोजना का विरोध किया। यदि ये दोनों परियोजना लग जाती तो महाराष्ट्र के पास कोई भी नहीं पहुंच सकता था, लेकिन वे इन बातों का विरोध करते हैं और कहते हैं कि हमारे पास निवेश आना चाहिए, लेकिन निवेश कहां से आएगा?
हमने करके दिखा दिया
फडणवीस ने कहा कि जब हमने मुंबई-नागपुर के बीच एक्सप्रेस-वे बनाने की बात कही थी तो किसी को हम पर विश्वास नहीं था। उद्धव ठाकरे ने किसानों की सभाएं ली, शरद पवार ने सभाएं ली। लेकिन हमने कर दिखाया। अब अगला इकोनॉमिक कॉरिडोर मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के आसपास ही बनेगा। लघु उद्योग भारती के वार्षिक अधिवेशन में अध्यक्ष रविंद्र वैद्य, रविंद्र सोनावणे, महामंत्री भूषण मर्दे, गौरव जोशी, आशीष चंदा राणा और अंबरीश भाई पटेल सहित बड़ी संख्या में लघु उद्योजक उपस्थित थे।