Maharashtra महाराष्ट्र: जमनालाल बजाज सेवा ट्रस्ट सामाजिक दायित्व की भावना से विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित करता है। संस्था द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से विभिन्न शैक्षणिक एवं कृषि गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसलों को पानी की आवश्यकता होती है। फसल पद्धति में बदलाव कर खेती करने के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है। किसानों के खेतों में पानी तो है, लेकिन कुआं खोदने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। चूंकि सूखी जमीन वाले खेतों में केवल एक ही फसल उगाई जा सकती है, इसलिए परिवार के पास पर्याप्त धन नहीं होता। वहीं, दूसरी ओर कुआं खोदने की सरकारी योजना कुछ शर्तों के कारण क्रियान्वित नहीं हो पा रही है।
5 से 15 एकड़ तक की खेती वाले किसानों की संख्या अधिक है। ऐसे किसानों की मदद बजाज संस्था करेगी। बजाज सेवा संस्था ने किसानों के लिए निशुल्क कुआं खोदने का बीड़ा उठाया है। इसकी शुरुआत समुद्रपुर तालुका में दो किसानों के लिए कुआं खोदकर की गई है। किसान खुश हैं कि इन कुओं में पानी आ रहा है। सरकार की छोटे जोत वाले किसानों के लिए कुआं योजना है। हालांकि, पांच एकड़ वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं हैं। ऐसे ही एक किसान हैं समुद्रपुर तालुका के वैगांव के बालाजी मारुति चंभारे। छह एकड़ जमीन पर उनका परिवार गुजारा करता है। अधिक आय प्राप्त करने के लिए उन्होंने खेत में कुआं बनवाने के लिए तीन बार सरकार के पास आवेदन किया। लेकिन आवेदन खारिज होने पर उन्हें निराशा हाथ लगी। हालांकि, बजाज संस्था उनकी मदद के लिए आगे आई। संस्था ने चालीस फीट गहरा कुआं खोदा। तीन दिन में हुए इस काम पर एक लाख 20 हजार रुपए खर्च हुए।
इसमें किसान का 10 फीसदी और संस्था का 90 फीसदी हिस्सा रहा। लाभार्थी चंभारे का कहना है कि अब कुआं बन जाने से वे साल में दो से तीन फसलें उगा सकेंगे। बजाज संस्था द्वारा यह पहल वर्धा, सेलू, देवली, हिंगणघाट और समुद्रपुर की पांच तालुकाओं में लागू की जा रही है। 5 से 15 एकड़ खेत वाले हर किसान के खेत में कुआं खोदने का प्रयास है। फिलहाल एक गांव में एक किसान के लिए कुआं खोदने का प्रयास है। संस्था के सीईओ संजय भार्गव ने कहा कि इसे और बढ़ाया जाएगा। खेत में कुआं होगा तो सिंचाई हो सकेगी, जिससे आमदनी बढ़ेगी। भार्गव ने यह भी कहा कि रोजगार सृजन की उम्मीद है।