बीएमसी स्कूलों में बच्चों की स्मार्ट बोर्ड से होगी पढ़ाई

Update: 2022-10-01 17:30 GMT
मुंबई। बीएमसी स्कूलों (BMC School) में स्टेट बोर्ड से लेकर सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और आइजीसीएसई बोर्ड की शिक्षा (IGCSE Board Education) दी जा रही है। जिससे इन स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। बीएमसी विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक से पढ़ाने पर जोर दे रही है। वर्चुअल क्लास रूम प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में जाने के बाद बीएमसी विद्यार्थियों को स्मार्ट बोर्ड के जरिए पढ़ाने की योजना बना रही है। वर्चुअल क्लासरूम प्रोजेक्ट पर करीब 92 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था, वहीं स्मार्ट बोर्ड पर बीएमसी का कुछ खर्च नहीं होगा। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि एनजीओ सीएसआर फंड से स्मार्ट बोर्ड को स्कूलों में लगाने के लिए तैयार हैं। प्रस्ताव को मंजूरी के लिए बीएमसी कमिश्नर के पास भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही हम संबंधित एनजीओ के साथ समझौता करेंगे। अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट बोर्ड लगाने वाली एनजीओ को उसका हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, न्यू टेक्नोलॉजी उपलब्ध करानी पड़ेगी। साथ ही उसे चलाने के लिए टीचर को ट्रेनिंग की सुविधा भी देनी होगी। अधिकारी ने कहा कि वर्चुअल क्लास रूम में वी पैड के जरिए पढ़ाई करनी पड़ती। जिसमें कई अन्य ऐप डाउनलोड करने पड़ते। जिस पर करीब 50 से 60 करोड़ रुपया बीएमसी का खर्च होता।
अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट बोर्ड में प्री लोडेड सब्जेक्ट रहेंगे। यह इंटरनेट के जरिए उपलब्ध होगा। इसमें 25-26 बोर्डों का सिलेबस प्री लोडेड रहेगा। एक साथ कई क्लास में शिक्षक पढ़ा सकता है। शिक्षक किसी भी बोर्ड का सिलेबस देखकर विद्यार्थियों को पढ़ा सकेंगे। स्मार्ट बोर्ड के जरिए स्कूलों में 1 ली से 10 वीं तक के विधार्थियों को पढ़ाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि मुंबई में बीएमसी के 1146 स्कूल हैं। जिसमें 481 में इस तकनीक से पढ़ाई हो रही है। बाकी 665 स्कूलों में यह सुविधा जल्द उपलब्ध कराई जाएगी।
अधिकारी ने कहा कि बीएमसी मराठी, इंग्लिश , हिंदी, उर्दू, गुजराती, तेलगू, कन्नड़ सहित कई अन्य भाषों में शिक्षा प्रदान करती है। 1146 स्कूलों में लगभग 3. 89 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों में 10252 शिक्षक पढ़ते हैं।

सोर्स: Hamara Mahanagar

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