एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को कोविड-19 महामारी के दौरान उसके स्वयंसेवकों की ओर से किए गए कार्यों से महाराष्ट्र में अपना प्रभाव बढ़ाने में मदद मिली. इन कार्यों में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले मरीजों का अंतिम संस्कार किया जाना भी शामिल है.
अधिकारी के मुताबिक, आठ साल पहले तक पीएफआई की मौजूदगी सिर्फ मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ तक सीमित थी, लेकिन पिछले हफ्ते आतंकवादी संगठनों से संबंधों के आरोप में प्रतिबंधित किए जाने के दौरान महाराष्ट्र के 35 जिलों में से 22 में इसके सदस्य बन चुके थे. पीएफआई की स्थापना केरल में की गई थी. केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत संगठन पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया है. इसके कई सदस्यों और पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है.
अधिकारी ने 'पीटीआई-' को बताया कि महाराष्ट्र में पीएफआई की गतिविधियां साल 2014 के बाद प्रकाश में आईं, खासकर नांदेड़ क्षेत्र में. उन्होंने बताया कि अगले कुछ वर्षों में संगठन ने मराठवाड़ा क्षेत्र के सभी आठ जिलों में सक्रिय सदस्यों की भर्ती कर ली और 2018 तक मुंबई व पुणे में भी उसके सदस्य बन गए.
न्यूज़ क्रेडिट: freshheadline