मुख्यमंत्री के तौर पर हस्तक्षेप किया होता तो शिवाजी पार्क रैली के लिए मिल जाता

Update: 2022-10-02 16:25 GMT

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा अगर उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर हस्तक्षेप किया होता तो शिवसेना के उनके खेमे को दशहरा रैली के आयोजन स्थल के तौर पर मध्य मुंबई स्थित शिवाजी पार्क का मैदान मिल गया होता. बम्बई उच्च न्यायालय ने 23 सितंबर को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे को दादर स्थित शिवाजी पार्क मैदान में वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी थी. शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे ने उसी दिन (5 अक्टूबर) को उसी स्थान पर रैली करने की अनुमति मांगी थी और उच्च न्यायालय में ठाकरे समूह की याचिका का विरोध किया था.

इस बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रैली के लिए शिवाजी पार्क की मांग की थी, लेकिन अब वे उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा, ''यदि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में हस्तक्षेप किया होता, तो हमें रैली के लिए शिवाजी पार्क मिल गया होता। हालांकि, मुख्यमंत्री के रूप में शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है. इसलिए हम बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में एमएमआरडीए मैदान के लिए मान गए.

ठाकरे खेमे के लिए उसके पक्ष में उच्च न्यायालय के फैसले का एक प्रतीकात्मक महत्व है, क्योंकि शिवाजी पार्क पार्टी की स्थापना के बाद से जुड़ा हुआ है. शिवसेना के दोनों खेमे खुद को ''असली'' के तौर पर स्थापित करने के लिए प्रयासरत हैं.

न्यूज़ क्रेडिट: freshheadline

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