मारेगांव तहसील में किसान आत्महत्याओं का ग्राफ बढ़ा, तहसील प्रशासन में बढने लगी चिंता
मारेगांव तहसील में किसान आत्महत्याओं का ग्राफ बढ़ा
मारेगाव. तहसील में अगस्त का महीना किसान आत्महत्या के लिए सुर्खियों में रहा. अगस्त महीने के आखिरी 4 दिनों में 4 किसान आत्महत्याओं के मामले सामने आए. वैसे देखा जाये तो तहसील में 6 किसान आत्महत्या की घटनाएं सामने आई. जिसे तहसील प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई.
यहां बता दें कि प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले किसानों को राहत दिलवाने को लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा बड़े बड़े आश्वासन दिया जाता है. लेकिन यह आश्वासन खोखले साबित हो रहे हैं.तहसील और जिला प्रशासन की ओर से किसान आत्महत्याओं के सिलसिले को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय योजनाएं नहीं की जा रही है. अतिवृष्टि और लगातार बढ़ते कर्ज के बोझ की वजह से किसान आत्महत्या का मार्ग अपनाते हुए अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं.
बीते अगस्त महीने में तहसील क्षेत्रों में 6 किसान आत्महत्या की घटना सामने आने से प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई है.तहसील में पहली किसान आत्महत्या की घटना 18 अगस्त को वेगांव में सामने आई थी . यहां रहने वाले अविनाश जीवन मेश्राम नामक 28 वर्षीय युवा किसान ने आत्महत्या कर ली थी.
दुसरी घटना 26 अगस्त को महसदोड़का में सामने आयी. यहां पर 30 वर्षीय सतीश वासुदेव बोथले, 27 अगस्त को नरसाला निवासी गजानन नारायण मुसले, 30 अगस्त को रामेश्वर निवासी 28 वर्षीय सचिन सुभाष बोढेकर, इसी दिन शिवणी धोबे निवासी 47 वर्षीय हरिदास सूर्यभान टोनपे और 29 अगस्त को दांडगांव निवासी तोताराम अंगत चिचुलकर ने आत्महत्या कर ली थी.