महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर चर्चाओं में हैं। शिवाजी महाराज को लेकर दिए गए उनके बयान से शुरू हुआ विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि वे एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। कथित तौर पर वे आज 26/11 के मुंबई हमले की बरसी पर चप्पल पहनकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंच गए। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने उन्हें घेरा है। राज्यपाल द्वारा चप्पल पहनकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने को कांग्रेस ने शहीदों का अपमान बताया है। कांग्रेस ने उनका एक वीडियो भी ट्वीट किया है।
चप्पल पहनकर राज्यपाल कोश्यारी ने दी श्रद्धांजलि
गौरतलब है कि 26 नंवबर 2008 को मुंबई में ताज होटल समेत कुछ अन्य जगहों पर आतंकियों ने हमला किया था। आज इस हमले की 14वीं बरसी मनाई गई। इस मौके पर देशभर में हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर दक्षिण मुंबई के पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में सीएम एकनाथ शिंदे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन इस दौरान राज्यपाल चप्पलें पहने हुए थे।
कांग्रेस ने बोला हमला
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने इसे लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि 'श्रद्धांजलि देते वक्त चप्पल-जूते उतारना भारत की संस्कृति है, महाराष्ट्र की तो है ही। बार-बार महाराष्ट्र की संस्कृति और महापुरुषों का अपमान करने वाले राज्यपाल जब शहीदों का अनादर कर रहे थे तब मुख्यमंत्री उन्हें महाराष्ट्र की संस्कृति याद दिला देते तो अच्छा होता।'
राजभवन ने दिया जवाब
जब ये मुद्दा गरमाया तो राजभवन ने इस पर जवाब भी दिया। राजभवन ने बयान जारी करते हुए कहा कि आज जब राज्यपाल पुलिस आयुक्त कार्यालय में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए निकले थे तब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उनसे कहा था कि ऐसी जगहों पर चप्पल उतारना जरूरी नहीं है।
शिवाजी पर दिए गए बयान का विवाद अभी थमा भी नहीं…
शिवाजी महाराज पर दिया गया उनका बयान अभी थमा भी नहीं था कि उन्होंने विरोधियों को नया मुद्दा दे दिया है। दरअसल, राज्यपाल कोश्यारी ने शनिवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और राकांपा प्रमुख शरद पवार को डी. लिट की उपाधि से नवाजा। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के आदर्श लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के आदर्श थे। अब आप बी.आर. अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक नए जमाने के आदर्श बना सकते हैं।
सोर्स - दैनिकदेहात
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