भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से लगाई ये गुहार

Update: 2021-11-19 17:01 GMT

मुंबई। भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का रुख करते हुए अदालत से उसे 'भगोड़ा' आर्थिक अपराधी घोषित ना करने की कार्यवाही करने का आग्रह किया है क्योंकि वह इस समय यात्रा करने में असमर्थ है. बार एंड बेंच ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने चोकसी को एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की है. चोकसी, 14,500 करोड़ रुपये के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में आरोपी है. उसने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ अधिवक्ता विजय अग्रवाल के मार्फत उच्च न्यायालय का रुख किया.

ईडी ने 2019 में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में एक अर्जी देकर चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम,2018 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की थी. अधिनियम के मुताबिक, किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है, यदि 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक की संलिप्तता वाले अपराध के लिए उसके खिलाफ वारंट जारी किया गया हो और यदि व्यक्ति देश छोड़ कर चला गया हो और लौटने से इनकार कर रहा हो.

अधिवक्ता विजय अग्रवाल और आयुष जिंदल द्वारा दायर अपने आवेदन में चोकसी ने कहा कि उन्हें एंटीगुआ और बारबुडा में इलाज की अनुमति दी गई थी और एक बार जब वह फिट व यात्रा के लिए सक्षम हो जाते हैं, तो अपने खिलाफ लगे आरोपों का सामना करने के लिए उन्हें फिर से डोमिनिका लौटना होगा. इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता है कि चोकसी आपराधिक मुकदमे का सामना करने के लिए भारत लौटने से इनकार कर रहा है और वह एक भगोड़ा है. चोकसी ने अपनी अर्जी में कहा है कि उसे भगोड़ा आरोपी व्यक्ति घोषित नहीं किया जा सकता क्योंकि वह आपराधिक अभियोजन से बचने के लिए भारत छोड़ कर नहीं गया था बल्कि वह अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने से पहले चला गया था.

दूसरी ओर, ईडी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता हितेन वेनगावकर ने चोकसी की अर्जी का विरोध किया और विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. उच्च न्यायालय ने केंद्रीय एजेंसी को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया और विषय की अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख दी.

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