महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, कोर्ट ने कहा- 'पहले जेल का खाना खाइए...'
Money Laundering Case: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. सत्र अदालत ने उन्हें 29 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का निर्देश दिया है. आज अनिल देशमुख की ED की कस्टडी खत्म हो गई थी. कोर्ट में पेश करने से पहले उनका मेडिकल कराया गया था. उसके बाद कोर्ट में पेश किया गया.
मुंबई की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को देशमुख की हिरासत आज तक के लिए बढ़ा दी थी. पिछली सुनवाई के दौरान ईडी की हिरासत बढ़ाने की मांग का विरोध करते हुए देशमुख के वकील ने पूछा कि उसने मामले में अन्य आरोपी और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया है. मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह को कभी पूछताछ के लिए क्यों नहीं बुलाया गया.
ED ने एनसीपी के नेता देशमुख को धनशोधन रोकथाम कानून के तहत एक नवंबर को गिरफ्तार किया था. विशेष अवकाशकालीन अदालत ने छह नवंबर को 71 वर्षीय देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजा था और ईडी की हिरासत बढ़ाने की मांग खारिज कर दी थी. इसके एक दिन बाद ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए देशमुख को 12 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था. फिर पूर्व मंत्री को शुक्रवार को पीएमएलए की विशेष अदालत के न्यायाधीश एच एस सठभाई के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उनकी हिरासत की अवधि 15 नवंबर तक बढ़ा दी थी.
अभियोजक ने कहा कि सचिन वाजे ने देशमुख के कहने पर मुंबई में बार मालिकों से रिश्वत वसूली में अहम भूमिका निभाई थी और ईडी इस मामले में वाजे का बयान दर्ज करने के लिए संबंधित अदालत से अनुमति मांगने की प्रक्रिया में है. ईडी ने कहा कि देशमुख का सामना उन नए सबूतों से कराने के लिए उनकी हिरासत जरूरी है, जो वाजे के बयान में सामने आ सकते हैं.
पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास एक एसयूवी गाड़ी में विस्फोटक मिलने और उसके बाद कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के बाद मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने देशमुख के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था. इससे पहले सीबीआई ने परमबीर सिंह के आरोपों के आधार पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था.