मुंबई। राज्य के किसी भी प्राथमिक या माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 1 से कक्षा 10 में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले दूसरे विद्यालय के छात्र अब आसानी से प्रवेश ले सकेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने कहा कि जिन छात्रों के पास ट्रांसफर सर्टिफिकेट (transfer certificate) (टीसी) नहीं है, उन्हें प्रवेश से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम में कहा गया है कि जिस छात्र का स्कूल में प्रवेश नहीं हुआ है, उसे आयु के अनुसार कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा और एक प्रावधान है कि ऐसे प्रवेश के लिए आयु का प्रमाण स्वीकार्य माना जाएगा। तदनुसार, स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक सरकारी निर्णय जारी किया है, ताकि जन्म प्रमाण पत्र को प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सके और छात्रों को उनकी आयु के अनुसार कक्षा में प्रवेश दिया जा सके।
सरकार के इस निर्णय के अनुसार किसी भी शासकीय, महापालिका, नगरपालिका, निजी सहायता प्राप्त,किसी भी प्रबंधन द्वारा स्ववित्तपोषित एवं सम्बद्ध प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से 8वीं तक के किसी अन्य विद्यालय के तथा कक्षा 9वीं एवं 10वीं के छात्र को स्कूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) के अभाव में प्रवेश से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
संबंधित विद्यालय प्रमुख, प्राचार्य यह सुनिश्चित करें कि छात्र प्रवेश से वंचित न रहे और शिक्षा बाधित होने के कारण छात्र विद्यालय से बाहर न जाए। यदि ऐसे छात्र वंचित रह जाते हैं तो संबंधित विद्यालय, प्रधानाचार्य के विरुद्ध कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस निर्णय के अनुसार किसी छात्र के नए स्कूल में प्रवेश की स्थिति में नया स्कूल पुराने स्कूल से सरल पोर्टल से छात्र की जानकारी प्राप्त करने का अनुरोध करेगा और पुराना स्कूल सात दिनों के भीतर अनुरोध की पावती देगा। सरकार के इस फैसले में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर स्कूल इस तरह के अनुरोध को स्वीकार नहीं करता है तो संबंधित केंद्र के प्रमुख अपने स्तर से इस तरह के अनुरोध को स्वीकार करेंगे। केसरकर ने कहा कि कोविड के बाद किसी कारण की वजह से एकाध छात्र को उसके निजी स्कूल से टीसी या लीविंग सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है तो ऐसे छात्र को सरकारी या अनुदानित स्कूलों में प्रमाणपत्र के अभाव में प्रवेश से वंचित नहीं किया जाए।
Source : Hamara Mahanagar
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