महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद के बीच मनाई गई ईद का त्यौहार

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Update: 2022-05-03 11:40 GMT

मुंबई: कोविड-19 महामारी के दो साल के बाद मंगलवार को पहली बार मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में लाखों मुस्लिम पूरे उत्साह के साथ ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते नजर आए। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग ईद-उल-फितर और पारंपरिक सलात-अल-ईद नमाज के लिए घरों से बाहर निकले और मस्जिदों और ईदगाह मैदानों में पहुंचे। इस बार ईद का त्योहार ऐसे समय पर मनाया जा रहा है, जब राज्य में लाउडस्पीकर का मुद्दा गर्माया हुआ है।

मुंबई में जुमा मस्जिद, मीनारा मस्जिद, मझगांव की मस्जिदों, भायखला, भिंडी बाजार, कोलाबा, बांद्रा, अंधेरी, जोगेश्वरी, मलाड, कांदिवली, बोरीवली, कुर्ला, सायन, घाटकोपर, पवई जैसे प्रमुख स्थानों पर ईद की नमाज अदा की गई। इसके अलावा चर्चगेट, बांद्रा, कुर्ला और भांडुप में ईदगाह मैदान पर भी नमाज अदा की गई।
बॉम्बे ट्रस्ट की जुमा मस्जिद के अध्यक्ष शुएब खतीब ने आईएएनएस से कहा, पवित्र रमजान महीने के उपवास के अंत में होने वाली शुभ प्रार्थनाओं के लिए लोगों की भारी भीड़ को समायोजित करने के लिए, कई मस्जिदों ने दो-तीन मण्डली की व्यवस्था की थी और भीड़ को सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर फैलने से रोका था, जिससे दूसरों को असुविधा न हो।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी सहित राज्य के शीर्ष गणमान्य व्यक्ति और अन्य ने मुसलमानों को एक खुशहाल, स्वस्थ और धर्मार्थ ईद-उल-फितर की हार्दिक बधाई दी। पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ ने कहा कि राजनीतिक क्षितिज पर उठे लाउडस्पीकर विवाद के बीच महाराष्ट्र पुलिस ने पूरी सावधानी बरती है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरे राज्य में कड़ी सुरक्षा तैनात की है।सलात-अल-ईद की पेशकश के बाद, दावत का दौर चला और मुस्लिम समुदाय के लोग एक-दूसरे से हाथ मिलाते और गले लगाते नजर आए। वे एक-दूसरे को ईद मुबारक कहते हुए शुभकामनाएं दे रहे थे। लोगों के घरों में विशेष रूप से पकवान बने और महिलाएं दूध-सेंवई के साथ ही सूखे मेवे और शीर कोरमा की तैयारी में जुटी रहीं।
शहर के कई इलाकों में, मुसलमान पुलिस कर्मियों से मिलने और अभिवादन करने गए और उन्हें उनकी चौबीसों घंटे की सेवाओं के सम्मान के रूप में शीर कोरमा की पेशकश की। अन्य जगहों पर, लाखों मुस्लिम और गैर-मुस्लिम भी गले मिलते नजर आए। लोग ईद-उल-फितर पर एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे और गले लगा रहे थे। इस दौरान सद्भाव और भाईचारे की तस्वीर देखने को मिली, जिसके लिए शहर प्रसिद्ध भी है।
मुस्लिम इलाकों को सजावटी चीजों व चांद और सितारों से सजाया गया। घरों, मस्जिदों और सामुदायिक भवनों से शीर कोरमा, बिरयानी, कबाब जैसे पकवान बनने की खुशबू आ रही थी। दोपहर में कई गैर-मुसलमान अपने मुस्लिम दोस्तों या पड़ोसियों के घरों में दावतों के लिए जाते नजर आ रहे थे। इस दौरान शहरों के रेस्तरां और होटलों ने पूरे सप्ताह के लिए विशेष ईद मेनू पेश किया। ठाणे, भिवंडी, मीरा रोड, पालघर, रत्नागिरी, रायगढ़, नासिक, उस्मानाबाद, सांगली, पुणे, जालना, बीड, लातूर, परभणी, नांदेड़, नागपुर, अमरावती, अकोला में मुस्लिम आबादी वाले अन्य शहरों या जिलों में भी इसी तरह के खुशी के उत्सव देखे गए।


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