महाराष्ट्र भाजपा विधायक की मांग, श्रीमद भगवद्गीता स्कूली पाठ्यक्रम में करें शामिल

देश भर में लगातार अलग-अलग राज्यों में श्रीमद भगवद्गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने और बच्चों का पढ़ाए जाने की वकालत हो रही है।

Update: 2022-03-22 18:04 GMT

 देश भर में लगातार अलग-अलग राज्यों में श्रीमद भगवद्गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने और बच्चों का पढ़ाए जाने की वकालत हो रही है। कर्नाटक, गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र में भी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से इस बारे में अलग-अलग मांग उठ रही है। हाल ही में कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश के श्रीमद भगवद्गीता और नैतिक शिक्षा को स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने बात कही थी। इसके बाद अब महाराष्ट्र के भाजपा विधायक ने भी मंगलवार को राज्य विधानसभा में श्रीमद भगवद्गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने का मुद्दा उठाया है।

भाजपा विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने मंगलवार को शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से राज्य के स्कूलों के पाठ्यक्रम में श्रीमद भगवद्गीता को कम से कम एक अध्याय के तौर पर राज्य के स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है। विधायक लोढ़ा ने कहा कि भगवद्गीता न केवल एक धार्मिक पुस्तक है, बल्कि जीवन का सार भी है। पाठ्यपुस्तकों में बदलाव की मांग के मुद्दे को लेकर विधानसभा में वक्तव्य देते हुए लोढ़ा ने कहा कि इसे पूरे भारत में स्कूली शिक्षा में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने आगे पूछा कि ऐसे में क्या महाराष्ट्र सरकार भी इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करेगी? विधायक लोढ़ा ने सदन में मांग की कि सरकार महाराष्ट्र की शिक्षा प्रणाली में श्रीमद भगवद्गीता पर एक चैप्टर पेश करे।
भाजपा विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने बाद में ट्वीट कर कहा कि आज विधानसभा में श्रीमद भगवद्गीता को महाराष्ट्र में शैक्षणिक पाठ्यपुस्तकों में पढ़ाए जाने की मांग की है। विशेष रूप से, भाजपा शासित गुजरात सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से राज्य भर में कक्षा छह से 12वीं के लिए श्रीमद भगवद्गीता स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा होगी। वहीं, कर्नाटक सरकार ने कहा था कि स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में श्रीमद भगवद्गीता को शुरू करने का निर्णय चर्चा के बाद लिया जाएगा।


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