महाराष्ट्र के कोल्हापुर उत्तर विधानसभा उपचुनाव का कल आएगा फैसला

शनिवार(16 अप्रैल) को विधानसभा उपचुनावों (Assembly By Election Results) की काउंटिंग है.

Update: 2022-04-15 17:33 GMT

शनिवार(16 अप्रैल) को विधानसभा उपचुनावों (Assembly By Election Results) की काउंटिंग है. महाराष्ट्र के कोल्हापुर उत्तर विधानसभा उप चुनाव का भी फैसला (Kolhapur North Assembly By Poll Result) आएगा. कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव की आकस्मिक मौत के बाद उनकी पत्नी जयश्री जाधव को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया और महा विकास आघाडी की तीनों पार्टियों ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा. यानी जयश्री जाधव के साथ ना सिर्फ कांग्रेस की ताकत साथ है बल्कि शिवसेना और एनसीपी के समर्थन का भी हाथ है. दूसरी तरफ बीजेपी ने सत्यजीत कदम को अपने उम्मीदवार के तौर पर उतारा है. सत्यजीत कदम के पक्ष में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. विधानसभा में विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस से लेकर प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील तक ने पूरा जोर लगाकर यहां चुनाव प्रचार किया था. यानी यह सिर्फ एक विधासभा सीट का चुनाव नहीं रह गया बल्कि जमीन पर महा विकास आघाडी की इकट्ठी ताकत के सामने बीजेपी की ताकत कितनी? (Maha Vikas Aghadi vs BJP) यह साफ होने जा रहा है.

सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू हो जाएगी. इस बार करीब 60 फीसदी वोटिंग हुई है.महाविकास आघाडी बनाम बीजेपी की इस लड़ाई में कोल्हापुर जिले के संरक्षक मंत्री और कांग्रेस नेता सतेज पाटील बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने तो सौ फीसदी नहीं बल्कि तीन सौ फीसदी यह विश्वास जताया है कि जीत बीजेपी की होने वाली है. दूसरी तरफ संरक्षक मंत्री सतेज पाटील का कहना है कि बीजेपी ने कोल्हापुर की जनता को मनी पॉवर से खरीदने की कोशिश की है, लेकिन कोल्हापुर की स्वाभिमानी जनता महा विकास आघाडी के साथ पूरी मजबूती से खड़ी रही है और रिजल्ट कांग्रेस उम्मीदवार जयश्री जाधव के पक्ष में आने वाला है.
बीजेपी में क्या है इतना दम कि अकेले आघाडी के आगे लहरा दे जीत का परचम
इस उपचुनाव में क्या बीजेपी शिवसेना के बिना इतना दम दिखा पाएगी कि कोल्हापुर नॉर्थ की इस सीट में अपना खाता खुलवा ले या फिर कांग्रेस की सीट कांग्रेस के पास ही रह जाएगी और महा विकास आघाडी की इकट्ठा ताकत के बल-बूते क्षेत्र को पहली महिला विधायक मिलेगी, यह शनिवार को साफ हो जाएगा.
महाराष्ट्र की एक ही सीट में चुनाव, इसलिए दोनों तरफ से खेले गए सारे दांव
चूंकि महाराष्ट्र की एक ही सीट पर यह उपचुनाव हो रहा है इसलिए दोनों तरफ से सर्वोच्च स्तर पर प्रचार किया गया है. दोनों तरफ से पूरी ताकत झोंक दी गई है. दोनों ही ओर से राज्य के करीब सभी बड़े नेताओं ने कोल्हापुर आकर चुनाव प्रचार किया. अब रिजल्ट को लेकर उत्सुकता बनी हुई है. कांग्रेस उम्मीदवार जयश्री जाधव को अपनी जीत का पूरा यकीन है. उन्होंने कहा है कि महा विकास आघाड़ी की तीनों पार्टियों का उन्हें पूरा समर्थन मिला. कहीं कार्यकर्ताओं और नेताओं में आपसी मतभेद की बातें सामने नहीं आई. जी जान से तीनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उनके लिए काम किया है. इसलिए उनकी जीत पक्की है. 
पिछले तीन चुनावों के परिणामों की बात करें तो 2009 में कांग्रेस के छत्रपति मालोजीराजे को हराकर शिवसेना के राजेश क्षीरसागर पहली बार विधायक बने थे. राजेश क्षीरसागर ने मालोजीराजे को 3687 मतों से हराया था. 2014 मेें भी शिवसेना के राजेश क्षीरसागर ने 22 हजार 421 से ज्यादा वोट लेकर दूसरी बार चुनाव जीता और विधायक बने. उस वक्त सत्यजीत कदम ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और वे दूसरे नंबर आए थे. 2019 में राजेश क्षीरसागर को 15 हजार 199 मतों से कांग्रेस के चंद्रकांत जाधव ने हरा दिया और विधायक बने. 
यहां राजेश क्षीरसागर को शिवसेना ने कांग्रेस की जयश्री जाधव के समर्थन में बैठा दिया है और सत्यजीत कदम बीजेपी की ओर से भाग्य आजमा रहे हैं. यानी अगर राजेश क्षीरसागर के शिवसैनिकों का कट्टर हिंदू वोट कांग्रेस की जयश्री जाधव की ओर शिफ्ट नहीं होता है और बीजेपी की तरफ घुम जाता है, तो बीजेपी यह सीट निकाल सकती है.

शिवसैनिक अपनी ही पार्टी से नाराज? लगेगा अंदाज़
इससे एक बात और पता लग पाएगी कि शिवसेना का वोटर क्या अपनी पार्टी से नाराज है या या फिर उनके नेतृत्व ने जो उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने की अपील की, उसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है. क्योंकि यह सवाल बीजेपी की ओर से बार-बार उठाया जाता रहा है जमीनी स्तर पर शिवसेना के कार्यकर्ता और नेता कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन बनाए जाने से असंतुष्ट हैं. उन्हें लगता है कि मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का जनाधार और अस्तित्व के साथ समझौता हो रहा है.फिर पिछले तीन चुनावों में दो बार चुनाव जीतने वाले राजेश क्षीरसागर को कांग्रेस के पक्ष में बैठा देने के फैसले को कई शिवसैनिक एक आत्महत्या जैसा कदम मान रहे हैं. उन्हें ऐसा लग रहा है कि सीधे-सीधे शिवसेना की सीट निकाल कर कांग्रेस की झोली में डाल दी गई है.अगर शिवसेना के वोटरों की नाराजगी ने कांग्रेस से मुंह फेर कर बीजेपी के पक्ष में मतदान किया होगा, तो महा विकास आघाडी के लिए यह बड़ा नुकसान होगा. फिलहाल दोनों ही पक्ष को अब जल्दी से रिजल्ट आने का इंतजार है.


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