सड़क दुर्घटना में माता-पिता की मौत, भाई-बहन को 64 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश

Update: 2022-08-20 11:05 GMT

पालघर: महाराष्ट्र के पालघर जिले की एक लोक अदालत ने 8 साल पहले 2014 में एक सड़क दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने वाले भाई-बहन को 64 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. भाई-बहन में लड़का तब 14 वर्ष का था और उसकी बहन तब 18 साल की थी. लोक अदालत में जिला न्यायाधीश के समक्ष दावेदारों और बीमा कंपनी ने पिछले शनिवार को समझौता किया.

भाई-बहन – मयूरी दिलीप देशमुख और उसके भाई विवेक ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के समक्ष अपनी याचिका में कहा था कि उनके माता-पिता सहित परिवार के सदस्य आठ मई, 2014 को एक कार से जा रहे थे, तभी जिले के मोखदा के पवार पाड़ा में एक अन्य वाहन ने कार को टक्कर मार दी थी.
याचिका में कहा गया था, दूसरा वाहन विपरीत दिशा से आ रहा था. टक्कर के कारण एक निजी कंपनी में वरिष्ठ अधिकारी दिलीप देशमुख (43) और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. हादसे में मयूरी भी घायल हुई थी, जो बाद में ठीक हो गई.
दावेदारों ने 80,00,000 रुपये के मुआवजे की मांग की थी. दावा याचिका के लंबित रहने के दौरान, उनके दादा-दादी 62 वर्षीय यादवराव बलवंत देशमुख और 60 वर्षीय मथुराबाई यादवराव देशमुख की कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई थी.
लोक अदालत में, बीमा कंपनी ने दावेदारों के साथ भाई-बहनों के पिता की मृत्यु के लिए 51,00,000 रुपये, उनकी मां की मृत्यु के लिए 8,50,000 रुपये और मयूरी को हुई चोटों के लिए 4,50,000 रुपये देने के लिए समझौता किया.
बता दें कि, चोला मंडलम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड नाम की बीमा कंपनी की तरफ से हेमंत गांवकर और उनकी कानूनी टीम ने केस लड़ा था.
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