सायरस मिस्त्री: कारोबारी परिवार का छोटा लाडला, जिसने पिता के सपनों को नई उड़ान दी
कारोबारी परिवार का छोटा लाडला
Cyrus Mistry dies: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की सड़क हादसे में मौत हो गई है। यह हादसा सायरस के पिता पालोनजी शापूरजी मिस्त्री की मौत के करीब 3 माह के भीतर हुआ। बीते 28 जून को 94 साल की उम्र में अरबपति पालोनजी मिस्त्री का निधन हो गया था। मिस्त्री परिवार के सबसे छोटे बेटे सायरस ने बेहद कम समय में शापूरजी ग्रुप को सफलता की नई बुलंदियों तक पहुंचाया।
आयरलैंड में जन्म, लंदन में पढ़ाई: आमतौर पर अरबपति मीडिया की चर्चा के केंद्र में रहते हैं लेकिन इसके उलट सायरस मिस्त्री इस चकाचौंध से दूर रहते थे। वह अपने पिता-पलोनजी शापूरजी मिस्त्री के नक्शेकदम पर चलते हुए कारोबार की बारीकियां समझते थे। यह भी दिलचस्प है कि सायरस मिस्त्री का जन्म आयरलैंड में हुआ था।
दरअसल, पलोनजी मिस्त्री ने आयरिश महिला से शादी की और बाद में आयरलैंड के नागरिक हो गए। वहीं, सायरस मिस्त्री की पढ़ाई लंदन से हुई। उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की। घर में छोटा बेटा होने की वजह से सायरस को दुलार मिलता था। बता दें कि पलोनजी शापूरजी के दो बेटे- शापूर और साइरस मिस्त्री और दो बेटियां- लैला और अल्लू हैं।
परिवार के कारोबार में एंट्री: सायरस ने परिवार के कारोबार में 1991 में काम करना शुरू किया। वह 1994 में शापूरजी पलोनजी ग्रुप के निदेशक नियुक्त हुए। सायरस की अगुवाई में पलोनजी ग्रुप का कारोबार भारत समेत दुनिया भर में मजबूती से फैला।
टाटा ग्रुप में एंट्री: टाटा ग्रुप में सायरस मिस्त्री ने 2006 में एंट्री की। दरअसल, पालोनजी परिवार के पास टाटा सन्स में 18.4% हिस्सेदारी है। यही वजह है कि टाटा ग्रुप में परिवार का दबदबा रहा। साल 2012 के दिसंबर महीने में सायरस मिस्त्री ने टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर कमान संभाली। यह पहली बार था जब पालोनजी परिवार के किसी शख्स को टाटा ग्रुप में इतना बड़ा पद मिला था।
अहम बात ये है कि टाटा ग्रुप ने 18 महीने की खोज के बाद इस पद के लिए सायरस मिस्त्री का चयन किया था। हालांकि, बाद में सायरस मिस्त्री को इस्तीफा देना पड़ा और पद की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक गई। इस लड़ाई में सायरस को शिकस्त और टाटा ग्रुप को जीत मिली।