महाराष्ट्र में 1 अप्रैल से घट जाएंगे CNG दाम
शिवसेना,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार अपने राज्य के लोगों को बड़ी राहत देने जा रही है.
शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाराष्ट्र सरकार अपने राज्य के लोगों को बड़ी राहत देने जा रही है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray)के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) गठबंधन सरकार ने सीएनजी पर वैट की दरों में भारी कटौती करने का निर्णय किया है.
VAT घटाने का नोटिफिकेशन जारी
बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को राज्य में कंप्रेस नेचुरल गैस (CNG) पर मूल्य वर्धित कर (Value Added Tax) की दर घटाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके हिसाब से एक अप्रैल से राज्य में सीएनजी पर 13.5% की जगह बस 3% वैट ही देना होगा. सीएनजी की नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी और ग्राहकों को सीएनजी के लिए कम दाम देने होंगे.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और आसपास के एरिया में महानगर गैस सीएनजी गैस की सप्लाई करती है. मुंबई में अभी सीएनजी का रेट 66 रुपये प्रति किलोग्राम, जबकि पीएनजी का रेट 39.50 रुपये प्रति मानक घन मीटर (scm) है.
बजट में की थी घोषणा
महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजीत पवार ने इस महीने की शुरुआत में बजट सत्र के दौरान वैट की दर घटाने का प्रस्ताव रखा था. अब सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है. सरकार के इस कदम से राजकोष में सालाना 800 करोड़ रुपये कम आएंगे. पवार ने शनिवार को मराठी में एक ट्वीट करके इसका नोटिफिकेशन जारी होने की सूचना दी.
सीएनजी सस्ती होने से इन्हें फायदा
पेट्रोल और डीजल के मुकाबले सीएनजी के दाम पहले ही कम है. वहीं गाड़ियों में ये बेहतर माइलेज भी देती हैं. ऐसे में इसके दाम कम होने से कार चलाने वालों के साथ-साथ, ऑटो रिक्शा चालकों, टैक्सी चालकों और कैब चलाने वालों को फायदा होगा. इस गैस को पाइप्ड नेचुरल गैस के तौर पर घरों में रसोई गैस के तौर पर भी सप्लाई किया जाता है. ऐसे में गृहणियों का बोझ भी हल्का होगा.
पेट्रोल-डीजल के मुकाबले सीएनजी पर्यावरण में कम प्रदूषण फैलाती है. इसलिए सरकारें इसका उपयोग बढ़ाने पर जोर दे रही हैं. ऐसे में सीएनजी पर वैट कम करने से लोगों के बीच इसे लेकर रूझान बढ़ेगा. वहीं उत्तर भारत में हाल में ही सीएनजी के दाम बढ़े हैं, ऐसे में उन राज्यों पर भी इसके दाम कम करने का दबाव बढ़ सकता है.