मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा कि शिक्षक (Teacher) इतने महत्वपूर्ण हैं कि कोई भी तकनीक उनकी जगह नहीं ले सकती। राज्य में स्कूलों की गुणवत्ता में वृद्धि करते हुए सरकारी स्कूलों को सशक्त बनाने और प्री-प्राइमरी स्तर से अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। शिक्षक दिवस के मौके पर वर्षा निवास स्थान से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य के शिक्षकों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आदर्श स्कूल बनाने के असली शिल्पकार शिक्षक हैं। आइये.. ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाने का संकल्प लें। इस मौके पर उन्होंने अन्य सरकारी स्कूलों को विकसित करने और उनमें छात्रों की संख्या बढ़ाने की अपील की।
शिंदे ने कहा कि राज्य में लक्ष्योन्मुखी और प्रयोगशील शिक्षकों की एक लंबी परंपरा रही है। इसी परंपरा की वजह से यहां की शिक्षा व्यवस्था अधिक समृद्ध हुई है। शिक्षक इतने महत्वपूर्ण हैं कि कोई भी तकनीक उनकी जगह नहीं ले सकती। ऐसे में शिक्षकों को छात्रों में अच्छाई और बुराई खोजने का काम बेहद सावधानी से करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षकों की समस्या को सुलझाने के निर्देश दिए गए हैं। महाराष्ट्र ने हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी कार्य कर देश को नए प्रयोग और विचार दिए हैं। केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य के सभी बच्चों को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण और व्यापक निर्णय लिए हैं। शिंदे ने यह भी कहा कि राज्य में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्री-प्राइमरी शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने का प्रयास किया गया है और नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर 6 प्रतिशत खर्च करने का निर्देश दिया गया है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा में ड्रॉपआउट दर, शिक्षकों की उचित मूल्यांकन प्रक्रिया सभी पर विचार किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि बच्चों की शिक्षा के लिए पूरा शिक्षा विभाग हर स्तर पर काम करेगा, ताकि नीति के माध्यम से अनुकूल माहौल बनाया जा सके।
एकनाथ शिंदे ने इस मौके पर राज्य के शिक्षा क्षेत्र में कुछ उल्लेखनीय बातों की जानकारी दी। जालना जिले की जिला परिषद श्रीराम टांडा के स्कूल की वजह से 100 प्रतिशत पलायन रोका गया है। यहां छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है। चंद्रपुर जिले के पालडोह स्थित जिला परिषद शाला बिना किसी छुट्टी के साल में 365 दिन चलता है। तोरणमाल स्थित जिला परिषद स्कूल आसपास की 29 बस्तियों के 1600 बच्चों के लिए आदर्श स्कूल बन गया है। ऐसे नए प्रयोगों की मुख्यमंत्री ने सराहना की।
ठाणे मनपा के शिक्षकों को किया याद
एकनाथ शिंदे ने कहा कि माता-पिता के साथ-साथ शिक्षक भी सभी के जीवन में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। शिंदे ने ठाणे महापालिका के स्कूल नंबर 23 की शिक्षा और शिक्षक रघुनाथ परब को याद किया। कोरोना काल की चुनौती को अवसर में परिवर्तित कर प्रदेश में अनेक नवीन प्रयोग किए गए। इस अवसर पर शिंदे ने कहा कि छात्रों में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से सीखने की रुचि पैदा करने का प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, विभाग के सचिव रणजीत सिंह देओल, संचालक कैलास पगारे आदि उपस्थित थे।