बॉम्बे हाई कोर्ट ने चाचा को मारने के लिए शख्स को कान पकड़कर पछताने का दिया आदेश
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक व्यक्ति को संपत्ति विवाद के दौरान अपने चाचा को छड़ी से मारने के लिए अपने कान पकड़कर पश्चाताप व्यक्त करने के लिए कहा।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक व्यक्ति को संपत्ति विवाद के दौरान अपने चाचा को छड़ी से मारने के लिए अपने कान पकड़कर पश्चाताप व्यक्त करने के लिए कहा। यह आदेश न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एन जाधव की पीठ ने दिया। पीठ आरोपी जयंती चौहान और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
उनके चाचा द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से चोट पहुँचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
जस्टिस जाधव ने चौहान से पूछा, 'अगर कोई आपके पिता को पीट दे तो क्या आपको अच्छा लगेगा? फिर तुमने अपने चाचा को क्यों पीटा?" फिर उन्होंने चौहान को अपने कान पकड़कर अपने कार्यों के लिए पश्चाताप करने के लिए कहा। चौहान ने हंसते हुए जज के आदेश का पालन किया।
न्यायमूर्ति जाधव ने चौहान से कहा कि वह इसे दोबारा नहीं दोहरा सकते अन्यथा उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा। अदालत ने सुनवाई के बाद प्राथमिकी रद्द कर दी।