महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का बड़ा बयान

Update: 2022-05-05 06:13 GMT

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर मराठियों के लिए नौकरियों के मुद्दों को उठाया है. ठाकरे ने कहा है कि प्रदेश की इंडस्ट्री पॉलिसी के जरिए मराठियों को रोजगार प्रदान किया जाए और इस पॉलिसी में ट्रेनिंग प्रोग्राम को शामिल किया जाए. उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग और कौशल विकास विभाग से मदद लेने के भी निर्देश दिए. बता दें कि इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की समीक्षा बैठक 4 मई मुंबई में हुई थी.

मुख्यमंत्री ठाकरे ने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र में निवेश लाने के प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो भी उद्योग स्थापित हुए हैं, उनमें मराठियों को अवसर मिलना चाहिए. इस दृष्टि से रोजगार प्रदान करने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम पर उद्योग संबंधी पॉलिसी में विचार किया जाना चाहिए, ताकि उद्योग को उसकी जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित मानव संसाधन मिले और हमारे युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिले.
वहीं, महाराष्ट्र में लोकल बॉडी इलेक्शन को लेकर शिवसेना ने कहा है कि वह किसी भी चुनौती के लिए तैयार है और पिछले कुछ महीनों से वह चुनाव के लिए तैयार है.
बता दें कि अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी आरक्षण के मसले पर महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर परिसीमन का कार्य प्रगति पर होने का हवाला दिया था और ये अपील की थी कि इसके बाद ही स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है.
महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी को आरक्षण देने की नीति लागू करने से पहले ट्रिपल टेस्ट यानी तीन कसौटियों पर कसना जरूरी होगा. कोर्ट ने कहा कि तीनों टेस्ट की रिपोर्ट सकारात्मक आने के बाद ही ओबीसी को आरक्षण दिया जा सकता है. तीन टेस्ट में आयोग बनाने, पिछड़ेपन का विस्तृत डाटा, पिछड़ी जातियों का कुल आबादी में अनुपात और समानुपातिक प्रतिनिधित्व का आधार शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को ये निर्देश भी दिया है कि राज्य में 2448 स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की तैयारी रें. पहले की ही तरह चुनाव कराने के लिए दो हफ्ते में अधिसूचना जारी की जाए. यानी ये साफ हो गया है कि महाराष्ट्र में परिसीमन की प्रक्रिया हफ्ते भर में पूरी नहीं होने की स्थिति में ओबीसी के लिए आरक्षण के बगैर ही स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे.

Tags:    

Similar News

-->