असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- 'राज ठाकरे को जेल में डालो, दिमाग ठंडा होगा'

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray MNS) ने रविवार को हुई अपनी औरंगाबाद रैली में एक बार फिर मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का मुद्दा उठाया

Update: 2022-05-02 15:33 GMT

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray MNS) ने रविवार को हुई अपनी औरंगाबाद रैली में एक बार फिर मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने का मुद्दा (Maharashtra loudspeaker row) उठाया. उन्होंने कहा कि अगर 3 तारीख के बाद भी मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतारे गए तो 4 तारीख को एमएनएस के कार्यकर्ता दुगुनी आवाज में मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. राज ठाकरे के इस फरमान से तनाव पैदा होने की आशंकाएं जताई जा रही हैं. राज ठाकरे के इस अल्टीमेटम को लेकर कई प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi AIMIM) ने भी राज ठाकरे के भाषण पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है.

ओवैसी ने कहा, 'राज ठाकरे का बयान हिंसा भड़काने वाला है. उनके भाषण पर पुलिस गंभीरता से जांच क्यों नहीं कर रही है? महाराष्ट्र बड़ा है कि कोई शख्स बड़ा है? नवनीत राणा पर कार्रवाई हो सकती है तो राज ठाकरे पर कार्रवाई क्यों हो नहीं सकती? उन्हें जेल में डालिए. उनका दिमाग ठंडा हो जाएगा.'
नवनीत राणा पर कार्रवाई, लेकिन राज तो हैं सीएम उद्धव के भाई
इससे आगे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,' एक व्यक्ति औरंगाबाद की एकता को बाधा पहुंचाएगा क्या? महाराष्ट्र में शिवसेना की सत्ता है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपने भाई के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी है. महाराष्ट्र को दिल्ली बनाना है क्या? एनसीपी क्या कर रही है?'
'एक महिला पर इतना बवाल, राज पर क्यों नहीं कोई सवाल?'
असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना सांसद संजय राउत पर भी हमला किया. कहा, 'मुख्यमंत्री के घर के सामने कोई हनुमान चालीसा पढ़ने की बात करता है तो उस पर राजद्रोह का केस लगता है. मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाने का जो अल्टीमेटम देता है उस पर मौन क्यों रखा जाता है?'
ओवैसी ने कहा राज्य में फिलहाल इस बात का कंपटीशन शुरू है कि कौन कितना शिद्दत से हिंदुत्व की आइडियोलोजी को मान रहा है और मनवा रहा है. दो भाइयों की इस लड़ाई में मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है. इस लड़ाई में सो कॉल्ड सेक्यूलर पार्टी के लोग भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. आखिर वे लोग चुप क्यों हैं? इसका मतलब यही है कि वे लोग भी इस मुद्दे को जान बूझ कर हवा दे रहे हैं.


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