राजुरा. पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में पेड़ पौधों की भूमिका अहम होती है. इसलिए पौधारोपण और संरक्षण के लिए सरकार पानी के तरह पैसै खर्च कर रहा है. जंगल व्याप्त क्षेत्र के सिंचाई प्रोजेक्ट बीते तीस वर्षो से भारी खर्च के बावजूद मंजूरी नहीं मिलने से पेंडिंग है. इधर वेकोलि बल्हारपुर क्षेत्र के खदानों में बिना अनुमति से दो से ढाई फुट गोलाई के खड़े पेड खुले आम काटकर ट्रैक्टर में भरकर ले जा रहे हैं. इसके बावजूद वेकोलि की अनदेखी समझ से परे है.
पर्यावरण संरक्षण हेतु लाखों रूपये खर्च कर वेकोलि प्रबंधन से ओबी डम्पिंग पर हर साल पौधों की रोपाई की जाती है. यह कार्यक्रम बीते पच्चीस साल से चल रहा है. डम्पिंग में निायेजन शून्यता से इस के पहले कई पेड पौधों को डंम्पीग में दबाए गया फिर में पौधारोपण की वजह से अपेक्षा से ज्यादा पेड है. घने पेड होने की वजह से अक्सर बाघ भी परिसर में दिखाई देते है. इसके अलावा खरगोश, सुअर, हिरण, चीतल जैसे जंगली जानवरों का आशियाना परिसर है. दिन दहाडे कई बार राहागीर और नागरिकों को बाघ का दर्शन होते रहता.
वेकोलि बल्लारपुर की खान परिसर से दो से ढाई फुट गोलाई के बड़े बड़े पेड़ है. जिसे काटकर गैरकानूनी तरीके से ट्रैक्टर में भरकर ले जाया जा रहा है. इसके बाजवूद आज तक वेकोलि के सुरक्षा विभाग अथवा व्यवस्थापन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है. वहीं लोगों को अपने निजी पेडों को काटने की अनुमति के लिए कई दिनों तक कार्यालयों के चक्कर काटना पडता है. किंतु परिसर से अनेक पेड दिन दहाडे काटकर ले जाया है. इसकी जांच कर दोषी पर कार्रवाई करने की मांग इंटक नेता आर. आ.र यादव, एम के सेलोटे, एच एम एस संगठन के गनेश नाथे ने की है.