मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार ने बुधवार को पार्टी नेतृत्व से महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से मुक्त करने की गुहार लगाई। पवार ने यहां राकांपा के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "इस पद को संभालने में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं थी.. मैं केवल विधायकों के अनुरोध के कारण झुक गया और मैं एक साल से यह जिम्मेदारी संभाल रहा हूं।"
हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ हलकों में सुगबुगाहट रही है कि वह विपक्ष के नेता के रूप में मजबूत या प्रभावी नहीं रहे हैं।
उन्होंने कहा, "तो क्या मुझे जाकर लोगों की कॉलर पकड़ लेनी चाहिए?"
पवार ने पार्टी नेतृत्व से आग्रह किया कि उन्हें विपक्ष के नेता के प्रतिष्ठित पद से हटा दिया जाए और उन्हें पार्टी में कोई और जिम्मेदारी दी जाए।
पवार ने कहा, "पार्टी के नेताओं को निर्णय लेना है.. मैं विपक्ष के नेता के पद पर बने रहना नहीं चाहता। इसके बजाय मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मुझे पार्टी में कोई और पद दें और फिर देखें कि मैं इसे कैसे संभालता हूं।"
उन्होंने इस मौके पर शिवसेना-भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने राज्य सरकार पर सभी मोर्चो, खासकर कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दों पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब इसके जाने का समय आ गया है।
दिलचस्प बात यह है कि दो हफ्ते पहले जब राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में फेरबदल किया था, तो अपने भतीजे अजीत पवार को इस आधार पर कोई प्रभार नहीं सौंपा था कि वह बहुत व्यस्त हैं और विपक्ष के नेता के रूप में महत्वपूर्ण कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।
अटकलों को खारिज करते हुए अजीत पवार ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह पार्टी के पदों से बाहर होने से 'नाखुश' नहीं थे, क्योंकि वह हमेशा राज्य की राजनीति में सक्रिय थे और विधानसभा की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
--आईएएनएस