मुंबई। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बीजेपी की ओर से उनके भतीजे अजित पवार के साथ सरकार बनाने की कोशिश से 2019 में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन समाप्त हो गया। एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि अगर (अजित के साथ सरकार गठन की) कवायद नहीं हुई होती, तब राज्य में राष्ट्रपति शासन जारी रहता। वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस दावे के बारे में पूछे एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि अजित के साथ सरकार बनाने के लिए शरद पवार का भी समर्थन था। पवार ने कहा, सरकार बनाने का प्रयास किया गया था।
उस कवायद का फायदा यह हुआ कि इससे महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाने में मदद मिली और उसके बाद जो हुआ, वह सभी ने देखा है। यह पूछने पर कि क्या उन्हें इस तरह के सरकार गठन के बारे में पता था और अजित इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं, उन्होंने हैरानी जताकर कहा कि क्या इस बारे में बोलने की जरूरत है? उन्होंने कहा, मैंने अभी कहा कि अगर इस तरह की कवायद नहीं होती, तब क्या राष्ट्रपति शासन हटा लिया जाता? अगर राष्ट्रपति शासन नहीं हटा होता, तब क्या उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते?उद्धव ठाकरे गुट को चुनाव आयोग के बाद अब सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया यानी फिलहाल शिंदे गुट के पास ही शिवसेना का नाम और निशान रहेगा।