साइरस मिस्त्री की मौत के बाद सड़क सुरक्षा का मुद्दा हो रहा हाइलाइट

Update: 2022-09-06 09:22 GMT
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पालघर में एक सड़क दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत ने सड़क सुरक्षा के मुद्दों जैसे कि तेज रफ्तार पर नजर रखने, पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना और सड़क की असंगत बनावट पर बहस तेज कर दी है.
विशेषज्ञों ने तेज रफ्तार वाहनों पर नज़र रखने और पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य करने की जरूरत पर जोर दिया है. केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), नयी दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक एस वेलमुरुगन ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''राष्ट्रीय राजधानी में कुछ हिस्सों में सड़क के डिजाइन में असंगति देखी जा सकती है जिसमें पूर्वी और पश्चिमी एक्सप्रेसवे, बाहरी रिंग रोड और रिंग रोड शामिल हैं.
सीट बेल्ट पहनने के कानून को लागू किया जाना चाहिए:
उदाहरण के लिए, कुछ बिंदुओं पर छह-लेन की सड़क चार-लेन में सिमट जाती है. विभिन्न स्थानों पर असमान सतहों को भी देखा जा सकता है. ये मुद्दे वाहन चलाने के दौरान खतरा पैदा करते हैं और इन्हें दूर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रविवार की दुर्घटना से तीन प्रमुख निष्कर्ष निकलते हैं कि सड़कों, विशेष रूप से राजमार्गों को सुसंगत तरीके से बनाया जाना चाहिए, सड़क पर पर्याप्त संकेत चिह्न होने चाहिए और पीछे बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट पहनने के कानून को लागू किया जाना चाहिए.
कानूनों को सख्ती से लागू करने का भी आह्वान किया:
वेलमुरुगन ने पीछे बैठे व्यक्ति को सीट बेल्ट पहनने और शहर की सड़कों पर तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले लोगों के खिलाफ कानूनों को सख्ती से लागू करने का भी आह्वान किया. अंतराष्ट्रीय सड़क महासंघ के अनुसार, दुनिया भर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में 11 प्रतिशत से अधिक हादसे भारत में होते हैं, जिनमें हर दिन 426 लोगों की जान जाती है और हर घंटे 18 लोग मारे जाते हैं. महासंघ के अनुसार,े 2021 में 1.6 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई और अधिकतर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को टाला जा सकता है.

Similar News

-->