महानगरपालिका प्रशासन के निर्देश खुले घूमने वाले पशु मालिकों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई
पिछले कई दिनों से शहर में आवारा घूमने (Stray Roaming) वाले पशुओं (Animals) की संख्या कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है
मालेगांव : पिछले कई दिनों से शहर में आवारा घूमने (Stray Roaming) वाले पशुओं (Animals) की संख्या कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। रास्तों पर खुले घूमने वाले पशुओं के कारण जहां एक ओर राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानियों (Troubles) का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर इन पशुओं के कारण दुर्घटनाएं में भी वृद्धि हुई है। इस बारे कई बार महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) के पास शिकायत भी कई। बार-बार शिकायत आने के बाद महानगरपालिका प्रशासन ने अब यह फैसला किया है कि रास्तों पर खुले घूमने वाले पशुओं के मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Action) की जाएगी।
शहर के मुख्य मार्ग पर, पुलों पर, विभिन्न चौकों पर, सब्जी बाजार में अक्सर पशु दिखायी देते हैं। इन पशुओं के कारण जहां एक तरफ यातायात प्रभावित होता है, वहीं दूसरी ओर दुर्घटनाएं भी ज्यादा होती है। इतना ही इन पशुओं को मल-मूल से रास्ते में गंदगी भी फैलती है। रास्तों पर घूमने वाले पशुओं के कारण छोटे बच्चे, महिला और दुपहिया वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है। रास्ते पर खुले घूमने पशुओं के कारण कानून और सुव्यवस्था संबंधी समस्या खड़ी हो सकती है, ऐसी आशंका पुलिस की ओर से भी जताई गई है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए महानगरपालिका प्रशासन की ओर से इस बारे में कठोर भूमिका की गई है।
स्टाम्प पेपर पर प्रतिज्ञा पत्र लिखकर देना होगा
महानगरपालिका कर्मचारियों की ओर से खुले घूमने वाले पशुओं को पकड़ा जाएगा। पकड़े गए पशु को मुक्त करने के लिए पशु मालिकों को अपने आवेदन पत्र के साथ राशन कार्ड, आधार कार्ड और 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर प्रतिज्ञा पत्र लिखकर देना होगा। इतना ही खुले में घूमता दिखाई देने पर पशु को कब्जे के बाद उसके मालिक को अपने पशु को मुक्त करने के लिए भरे जाने वाले आवेदन के साथ जुर्माना धनराशि भरने के बाद पर पशु के लिए प्रति दिवस 350 रुपए पशु के चारे के लिए खर्च करने पड़ेंगे।
पशु मालिक के खिलाफ होगा फौजदारी अपराध मामला दर्ज
जब्त किए गए पशु का मालिक अगर सात दिनों के अंदर अपना पशु को वापस नहीं लिया तो उसे पशु मालिक को वापस नहीं किया जाएगा, ऐसी चेतावनी भी महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम 1949 के प्रकरण 14 स्वच्छता विषयक शर्ते और नियम 22 के तहत महाराष्ट्र नागरी क्षेत्र में पशुपालन संबंधी नियमों का पालन करना जरूरी है। अगर पशुपालक ने पशुपालन और पशुओं की सुरक्षा संबंधी बनाए गए नियमों का पालन नहीं किया गया तो पशु मालिक के खिलाफ फौजदारी अपराध दर्ज किया जाएगा।