Mumbai मुंबई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की मुंबई इकाई ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के के-ईस्ट वार्ड के एक अधिकारी और दो निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन लोगों पर एक व्यक्ति से उसकी संपत्ति पर बेदखली की कार्रवाई न करने और अनधिकृत निर्माण में सहयोग करने के लिए 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। आरोपियों की पहचान अंधेरी के के-ईस्ट वार्ड के नामित अधिकारी मंदार अशोक तारी और निजी व्यक्ति मोहम्मद शहजादा मोहम्मद यासीन शाह और प्रतीक विजय पिसे (दोनों गिरफ्तार) के रूप में हुई है। एसीबी के अनुसार, शिकायतकर्ता के पास चार मंजिला इमारत है और चूंकि ऊपर की दो मंजिलें अनधिकृत हैं, इसलिए उस पर बेदखली की कार्रवाई न करने और भूखंड खरीदने के बाद वहां अनधिकृत निर्माण में सहयोग करने के लिए बीएमसी के के ईस्ट वार्ड के नगर निगम अधिकारी मंदार अशोक तारी ने शिकायतकर्ता से 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। चूंकि शिकायतकर्ता लोक सेवक को रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसलिए 31/07/2024 को वह एसीबी कार्यालय में उपस्थित हुआ और लोक सेवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में लगाए गए आरोपों का सत्यापन 06/08/2024 को किया गया और सत्यापन के दौरान पता चला कि तारी ने 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।
इसके बाद जाल बिछाया गया और दो निजी व्यक्तियों को शिकायतकर्ता से 75 लाख रुपये की पहली किस्त स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक अन्य मामले में, घाटकोपर में बीएमसी के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, एन-वार्ड के एक क्लर्क को एसीबी अधिकारियों ने बीएमसी के सफाई कर्मचारी से कथित तौर पर रिश्वत मांगने के आरोप में रंगे हाथों पकड़ा है। शिकायतकर्ता को आयु सीमा के अनुसार वर्ष 2022 में पदोन्नति मिलनी थी। तदनुसार, शिकायतकर्ता ने बीएमसी में संबंधित विभाग में आवेदन किया था। शिकायतकर्ता का काम करवाने के लिए आरोपी क्लर्क उद्धव गर्जे ने कथित तौर पर 5000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने 01/08/2028 को एसीबी से संपर्क किया और गर्जे के खिलाफ शिकायत की। 06/08/2028 को जाल बिछाया गया और गर्जे को रिश्वत के पैसे लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।