4 कांस्टेबलों को फिर से मिल गई नियुक्ति, परिवार ने लगाया था ये गंभीर आरोप
जानें क्या है पूरा मामला.
मुंबई. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के उन 4 कांस्टेबलों (Police Constable) को फिर से नियुक्ति मिल गई है, जिन पर पहले एक 22 साल के युवक की हत्या का केस चला था. बाद में इन चारों को जमानत दे दी गई थी. उन पर आरोप था कि 2020 में जूहू की नेहरू नगर झुग्गी बस्ती में उनकी पिटाई से एक युवक की मौत हो गई थी. इस मामले में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर राजकुमार वाटकर का कहना है कि चारों कांस्टेबलों संतोष देसाई, दिगंबर चव्हाण, आनंद गायकवाड़ और अंकुश पालवे को लोकल आर्म्स डिपार्टमेंट में तैनाती दी गई है. चारों को अलग-अलग यूनिट में नियुक्त किया गया है.
इससे पहले चारों कांस्टेबल जूहू पुलिस स्टेशन में तैनात थे. घटना के दिन रात की गश्त के समय चारों ने कथित तौर पर 22 साल के राजू वेलू देवेंद्र की पिटाई की थी. आरोप के अनुसार पिटाई के चलते राजू की मौत हो गई थी. यह घटना 29 और 30 मार्च की दरम्यानी रात को हुई थी. राजू के भाई मनिकम की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया गया था. राजू का परिवार यह आरोप लगाता रहा है कि पुलिस अपने लोगों को बचा रही है. इस घटना के बाद अफसरों ने उन सभी सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में ले लिया था, जिसमें घटनास्थल कवर होता था. वहीं पुलिस की ओर से इसे मॉब लिंचिंग की घटना बताया गया था.
राजू की मां सायरा देवेंद्र ने बताया, 'पुलिस ने हमें बताया कि राजू को नेहरू नगर के 5 नंबर चॉल के लोगों ने चोरी करते पकड़ा था और उनकी पिटाई से उसकी मौत हो गई.' 2020 के बीच के महीनों में वकील बहरेज ईरानी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें अनुरोध किया गया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य भर में पुलिस की बर्बरता का संज्ञान लिया जाए. ईरानी ने बाद में एक जनहित याचिका दायर की, जिसके बाद अदालत ने पुलिस को चार कांस्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्हें पिछले अगस्त में निलंबित कर दिया गया था.
मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. कांस्टेबलों को 9 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था. अक्टूबर में एसआईटी ने चार्जशीट दायर की, जिसमें उसने कांस्टेबलों के खिलाफ हत्या के आरोपों को हटा दिया और इसके बजाय गैर इरादतन हत्या की धाराएं लगाईं. चारों को 3 नवंबर, 2020 को जमानत दे दी गई थी.
एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि उन्हें बहाल करने का फैसला हाल ही में मुंबई पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में लिया गया है. वहीं राजू की मां का कहना है कि परिवार इस मामले को अगली सुनवाई में कोर्ट में उठाएगा.