इंदौर: सिंहस्थ-2028 से पहले शिप्रा में मिलने वाले कान्ह-सरस्वती के गंदे पानी को शुद्ध करने की कवायद में शुक्रवार को फिर प्रशासन ने बैठक ली। तय हुआ कि दो से ढाई साल पूरे प्रोजेक्ट में लगेंगे, लेकिन इस बार किसी तरह की गलती न हो। कान्ह-सरस्वती में मिलने वाले सीवरेज को बंद करने के लिए अब जोनवार प्लानिंग की जाएगी।
कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक में नगर निगम, जिला पंचायत और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए। कलेक्टर ने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ से पहले शिप्रा को साफ किया जाना है, इसलिए कान्ह-सरस्वती को साफ किया जाना भी जरूरी है। नदी में मिलने वाले सीवरेज को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। अभी इस काम में दो से ढाई साल लगेंगे।
नगर निगम ने 11 एसटीपी, 450 किमी की सीवर लाइन डालने का 600 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया है। इस बार कोई गलती नहीं हो, इसलिए राज्य स्तर पर एक्सपर्ट के आने के बाद ही किसी भी तरह का काम शहरी क्षेत्र में किया जाएगा। संभवत: अगले दो से तीन दिन में एक्सपर्ट आ जाएंगे। इसके बाद सीवरेज को लेकर शहरी क्षेत्र में अलग-अलग जोन बनाकर प्लानिंग की जाएगी।