मातृभूमि के मान का 365 दिन ध्यान रख कर करें कार्य: पटेल

Update: 2023-01-26 10:47 GMT

भोपाल: मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मातृभूमि के मान का 365 दिन ध्यान रखकर कार्य करने का प्रदेशवासियों से आह्वान किया और प्रदेशवासियों से कहा है कि जीवन में कभी कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिससे मातृभूमि के सम्मान को क्षति पहुंचे।

श्री पटेल ने गणतंत्र दिवस पर राजधानी भोपाल में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वज फहरा कर, भव्य परेड सलामी ली और प्रदेशवासियों को संबोधित किया। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना सहित अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के अमृत काल में हम सब भारतीय सभ्यता और संस्कृति की गौरव गाथा के अनुरूप गण और तंत्र समवेत होकर आत्म-निर्भर देश प्रदेश के निर्माण में योगदान दें।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर द्रुत गति से अमल कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्म-निर्भर भारत की अवधारणा को साकार रूप दे रही है। देश की स्वतंत्रता के अमृत काल में स्वतंत्रता के फल तक प्रत्येक प्रदेशवासी की पहुंच बनाने के लिये राज्य सरकार की शासन-प्रशासन के कार्यों में जन-भागीदारी को बढ़ावा देने की पहल के अनुकूल परिणाम मिल रहे हैं।

श्री पटेल ने कहा कि कृषि अधो-संरचना निधि के क्रियान्वयन में प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला है। साथ ही मिलेट के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के फलस्वरूप प्रदेश को बेस्ट इमर्जिंग स्टेट अवार्ड से भी नवाजा गया है। मछली उत्पादन के बेहतर प्रबंधन और उत्पादन में लगातार बढोतरी के लिए प्रदेश को विशेष श्रेणी में उत्कृष्ट पुरस्कार मिला है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में प्रदेश को 16 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के 77 नगरीय निकायों को भी स्टार रेटिंग मिली है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गौरव देश-दुनिया में प्रतिष्ठित है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के कर कमलों से उज्जैन में 11 अक्टूबर, 2022 को नव्य, भव्य और दिव्य श्री महाकाल महालोक के लोकार्पण से इस गौरव में श्री वृद्धि हुई है।

राज्यपाल ने कहा कि इसी माह इन्दौर में सम्पन्न ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 ऐतिहासिक रही है। समिट में देश-दुनिया के सैकड़ों डेलीगेट्स शामिल हुए। समिट में 15 लाख 42 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों से प्रदेश में 29 लाख से अधिक रोज़गार के नये अवसर निर्मित होने की संभावना होगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा रहा है। तकनीकी पाठ्यक्रमों में चिकित्सा शिक्षा सहित हिंदी माध्यम से शिक्षण की व्यवस्था की गई है। विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति अनुरूप व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्य किए गए हैं। नैक मूल्यांकन अंतर्गत शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय, उज्जैन को देश के एकमात्र ए डबल प्लस शासकीय महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालयवार नैक ग्रेडिंग के लिए समिति गठित कर कार्य किए जा रहे हैं। प्रवेश, परीक्षा और परिणाम की घोषणा समय पर हो, इसके लिए शैक्षणिक केलेंडर का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे में प्रदेश 21वें स्थान से बड़ी छलांग लगा कर 5वें स्थान पर आ गया है। शासकीय स्कूलों में 18 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई और 29 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। प्रतिभाशाली बच्चों को लैपटॉप देने की योजना फिर से प्रारम्भ कर दी गई है। विद्यार्थियों को ई-रूपी के माध्यम से साइकिल प्रदाय की व्यवस्था की गयी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश लगातार चार वर्ष से देश में प्रथम है। योजना में अब तक 32 लाख 51 हजार से अधिक महिलाओं को 1 हजार 370 करोड़ रूपये की सहायता सुलभ करवायी गई है। गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिये संचालित आपरेशन मुस्कान को आशातीत सफलता मिली है।

श्री पटेल ने कहा कि कन्या जन्म को वरदान बनाने वाली बहुप्रशंसित और सफल लाड़ली लक्ष्मी योजना में आज प्रदेश में लगभग 44 लाख लाड़ली लक्ष्मियाँ हैं। एक समय प्रदेश में जन्म के समय 1000 बेटों पर केवल 911 बेटियाँ जन्म लेती थी। यह संख्या आज बढ़ कर 956 हो गई हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना - 2 प्रारम्भ कर लाड़ली लक्ष्मियों की उच्च शिक्षा के लिये दो किस्त में 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुण्डा की जन्म जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनायी जा रही है। प्रतिवर्ष 18 दिसम्बर को वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी गढ़ा मंडला के राजा शंकर शाह - रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस भी मनाया जा रहा है। जनजातीय जननायकों को समर्पित भव्य स्मारक बनाए जा रहे हैं। क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा की स्मृति में उनके जन्म-दिवस से बलिदान दिवस की अवधि में गौरव यात्राओं की परंपरा आरंभ की गई है।

श्री पटेल ने कहा कि जनजातीय वर्ग के लोगों का गाँव से बाहर जाकर राशन लाने का समय बचाने, उनकी मजदूरी की बचत और युवाओं को रोज़गार सुलभ कराने के लिये अभिनव 'मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना' प्रारम्भ की गई है। योजना में प्रदेश के जनजातीय विकासखण्डों 6 हजार 800 से अधिक आश्रित ग्रामों में राशन सामग्री का परिवहन कर ग्राम में ही वितरण की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि एकजुट और एकमत प्रयासों से जनजातीय विकास की दिशा में नया अध्याय लिखने और सामाजिक समरसता के उद्देश्य से पहली बार राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ गठित किया गया है। प्रकोष्ठ विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया, सहरिया के संरक्षण एवं विकास, वन अधिकार अधिनियम, पेसा अधिनियम, सिकल सेल एनीमिया और टी.बी. रोग उन्मूलन कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन, निर्देशन और निगरानी का प्रभावी कार्य कर रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय वर्गों में सिकल सेल रोग की रोकथाम के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुभारंभ किए गए राज्य सिकल सेल उन्मूलन मिशन के प्रथम चरण में प्रदेश के झाबुआ और अलीराजपुर जिलों में सर्वेक्षण पूर्ण कर उपचार और परामर्श सेवाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। दूसरे चरण में 20 जिलों में सिकल सेल की स्क्रीनिंग और रोकथाम के लिए परियोजना लागू की गई है। उपचार व्यवस्थाओं को प्रभावी बनाने के लिए सिकल सेल एनीमिया रोग को आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने की पहल की गई है। जनजातीय बहुल मंडला और श्योपुर जिलों में नये मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किये गये हैं।

श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिये पूरे समर्पण से कार्य कर रही है। जल-जंगल और ज़मीन पर जनजातीय वर्गों के पारंपरिक अधिकारों के सशक्त बनाने के राष्ट्रपति की गरिमामयी उपस्थिति में 20 जनजातीय बहुल जिलों के 11 हजार 457 ग्रामों में पेसा नियम लागू किए गए हैं। पेसा नियम से सामाजिक समरसता के साथ जनजातीय समुदाय को जल, जंगल, ज़मीन पर अधिकार मिलना सुनिश्चित हुआ है। गाँव के फैसले भी अब ग्राम सभाओं में ही जनजातीय भाई-बहन करेंगे। प्रदेश सरकार ने 827 वन - ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का कार्य भी आरंभ किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़ा वर्ग आरक्षण के साथ स्थानीय निकायों के चुनाव कराने में सफल रही है। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग गठित किया गया है। 'मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक स्व-रोज़गार योजना-2022' स्वीकृत की गई है। योजना से अगले दो वर्षों में 6 हजार और स्व-रोज़गार के लिये 30 हजार व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा सकेगा।

श्री पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत चिन्हांकित 28 श्रेणियों के 58 लाख नवीन हितग्राहियों को लाभांवित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के2 चरणों में 82 लाख से अधिक परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री गो-सेवा योजना में 1 हजार से अधिक गो-शालाओं का संचालन प्रारंभ किया जा चुका है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में देश में सर्वाधिक टीकाकरण प्रदेश ने किया है। प्रदेश में 3 लाख 41 हजार पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किये गये हैं, जो देश में सर्वाधिक है।

श्री पटेल ने कहा कि किसान भाई-बहन सच्चे अर्थों में प्रदेश के विकास की रीढ़ हैं। किसानों की खुशहाली और खेती को लाभदायी बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसान-कल्याण की विभिन्न योजनाओं में विगत लगभग 3 वर्ष में 2 लाख 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों के खाते में अंतरित की गई है।जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। बुरहानपुर जिले को शत-प्रतिशत 'हर घर नल से जल' जिला बनने का गौरव हासिल हुआ है। अब तक लगभग 56 लाख घरों में नल से पानी पहुँचाने का कार्य किया गया है। जल-संरक्षण की दृष्टि से प्रदेश में अमृत सरोवर योजना में 5 हजार से अधिक तालाब बन रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में पिछले डेढ़ दशक में 4 लाख किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन किया गया है। केन्द्र सरकार से भी प्रदेश में सड़क निर्माण में भरपूर मदद मिली है। राजमार्ग परियोजना और केन्द्रीय सड़क निधि में 25 हजार करोड़ रूपए से अधिक की नई सड़कें स्वीकृत हुई हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई के क्षेत्र में भी प्रदेश में क्रांति हुई है। केन-बेतवा लिंक परियोजना बुंदेलखण्ड क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी।

श्री पटेल ने कहा कि मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिये मृत्युदण्ड का प्रावधान किया गया है। धरना प्रदर्शन, जुलूस या साम्प्रदायिक हिंसा के दौरान सरकारी एवं निजी सम्पत्ति को नुकसान की वसूली के लिये पहली बार कानून बनाया गया है। जोर-जबरदस्ती, बहला-फुसलाकर विवाह और धर्म परिवर्तन रोकने के लिये प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को शांति और सद्भाव वाला प्रदेश बनाये रखने के लिए संकल्पित होकर काम कर रही है। भू-माफिया, चिटफंड माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया, राशन माफिया, मिलावट माफिया आदि के विरूद्ध निरंतर प्रभावी कार्रवाई की गई है। माफिया से मुक्त कराई गई भूमि पर गरीब आवासहीनों के लिये सुराज कालोनियों के निर्माण का निर्णय सरकार ने लिया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में दुनिया की अर्थ-व्यवस्था के प्रभावित होने के दौर में भी मध्यप्रदेश अपनी अर्थ-व्यवस्था को मज़बूती देने में सफल रहा है। एक समय हमारे प्रदेश की विकास दर ऋणात्मक थी, जो वर्ष 2021-22 में प्रचलित भावों पर देश में सबसे अधिक 19.74 प्रतिशत हो गई है। इस वर्ष 48 हजार 800 करोड़ रूपये के पूँजीगत व्यय के लक्ष्य की पूर्ति के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।

राज्यपाल ने संविधान सभा के सभी सदस्यों का कृतज्ञतापूर्वक पुण्य-स्मरण करते हुए कहा कि संप्रभु राष्ट्र के नागरिक होने के नाते हम सभी प्रेरणा पुरुषों देशभक्तों और स्वतंत्रता संघर्ष के ज्ञात-अज्ञात नायकों के प्रति नतमस्तक हैं।

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