बांझ होने के ताने से परेशान हुई महिला, छत से कूदकर की आत्महत्या की कोशिश

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Update: 2022-06-16 11:27 GMT

छतरपुर। छतरपुर में बांझ होने के ताने से परेशान महिला जहर खाकर छत से कूद गई। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 23 साल की इस महिला का कहना है कि उसकी शादी को 7 साल हो गए हैं। उसे अब तक संतान सुख नहीं मिल पाया। बच्चा नहीं होने पर ससुराल वाले उसे ताने देते हैं। मामला ईशानगर थाने के पहाड़गांव का है।

'मेरी सास हमेशा बांझ कहकर ताने मारती है। गलत आरोप लगाती है। मुझे ये बांझ शब्द अंदर तक चुभता है। पति भी अपनी मां की हां में हां मिलाता है। मैं सब सहती आ रही थी, लेकिन कुछ दिनों से सास मुझसे घर से निकल जाने और पति की दूसरी शादी करने की बात कह रही थी। मुझे लगा यहां से कहां जाऊंगी। दर-दर भटकने से अच्छा है मर ही जाती हूं। मैंने मरने का ठान लिया और जहर खाकर छत से छलांग लगा दी। सच तो ये है कि मैं भी मां बनना चाहती हूं, लेकिन अब तक बन न सकी।'

पति बोला- पत्नी के आरोप गलत
महिला के पति का कहना है कि पत्नी के आरोप गलत हैं। पत्नी का कैरेक्टर ठीक नहीं है। मैंने उसे गांव के ही कई लोगों के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा है। उसके कई लोगों से अवैध संबंध हैं। इतना सब होने के बाद भी मैं उसे बर्दाश्त कर रहा था। उसे लगा हम डरते हैं। इस कारण उसके हौसले बढ़ गए हैं। वह हमें पुलिस केस में फंसाकर जेल भिजवाना चाहती है।
निःसंतानता के लिए महिलाएं ही नहीं, पुरुष की कमी भी वजह
संतान न होने पर अकेले महिलाओं को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। महिला और पुरुष दोनों में समस्या हो सकती है। कई बार ऐसा देखा गया है कि गर्भ न ठहरने के पीछे पुरुष के कमजोर शुक्राणु भी कारण होते हैं। ऐसे में महिला को ताने देकर उसे मानसिक रोगी बनाने और आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर करने के बजाए विशेषज्ञ चिकित्सक को दिखाएं। जिला अस्पताल की रोशनी क्लीनिक या मेडिकल कॉलेज में निसंतानता का उपचार होता है।
डॉ. रचना दुबे, स्त्री रोग विशेषज्ञ, जेपी हॉस्पिटल भोपाल
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