भोपाल न्यूज़: जिले की निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पालकों पर निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों और अन्य शिक्षण सामग्री की खरीदी से पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम करने सीबीएसई ने सर्कुलर जारी किया था. जिसका हवाला देकर कलेक्टर ने स्कूल संचालकों, प्राचार्यों को पत्र जारी किया था. शिकायतों पर जांच कर डीईओ नोटिस जारी किए, लेकिन नतीजा सिफर रहा.
अब इस साल भी विद्यार्थियों को निजी प्रकाशकों की ही महंगी किताबों से पढ़ना होगा, जो प्रबंधन ने तय की है. जिले में सबसे चर्चित सेंट मेरी हायर सेकंडरी स्कूल में लंबे समय से सीबीएसई के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए एनसीईआरटी की सस्ती किताबों के बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों से पढ़ाने का सिलसिला चल रहा है.
प्रबंधन ड्रेस भी हर कभी बदल देते हैं. मनमाने ढंग से फीस बढ़ा देते हैं. शिक्षण सामग्री के अलावा ड्रेस और अन्य मटेरियल तय दुकानों से खरीदी के लिए भी विवश करते हैं. स्कूलों की ऐसी मनमानी की कलेक्टर, डीईओ तक शिकायतें पहुंच रही थीं. जिसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ऋषि गर्ग ने डीईओ से जांच कराई थी.
दरअसल, लोकल कक्षाओं के रिजल्ट के बाद अगले सत्र के लिए प्रबंधन ने बच्चों को होमवर्क दे दिया. जिसे गर्मी की छुट्टियों में पूरा करने को कहा गया. इस कारण पालकों को जल्दी से निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदना पड़ी. कोरोना के दौरान कक्षावार बनाए वाट्सएप ग्रुप अभी भी चल रहे हैं. जिनमें छुट्टियों में प्रबंधन ने जल्दी से बुक खरीदने के मैसेज भेजे. होमवर्क में पिछड़ने के डर से बच्चे पालकों पर दबाव बनाते रहे, लिहाजा किताबें खरीदनी पड़ी. कई पालक अभी भी स्टेशनियों के चक्कर लगा रहे हैं.