MP सरकार ने 13 सालों से नहीं दिया जवाब तो हाईकोर्ट हुआ सख्त, सुनाया ये फरमान

Update: 2024-05-26 07:52 GMT
मध्य प्रदेश: पिछले तेरह साल से एक मामले में जवाब न देने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाया है. मामले में कड़ी नाराजगी जताते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने सरकार पर पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. एकलपीठ ने लागत राशि तीन दिन के भीतर लीगल सेल अथॉरिटी में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीधी कलेक्टर को अगली सुनवाई के दौरान संपूर्ण रिकार्ड के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 मई को तय की है.
समय दिया गया
यह मुकदमा सीधी जिले के ग्राम गौराढ़ निवासी सुधा गौतम की ओर से वर्ष 2011 में दायर किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गोपाल सिंह बघेल ने अपना पक्ष रखा. जिन्होंने अदालत को बताया कि उक्त मामला पिछले तेरह वर्षों से लंबित है. नोटिस जारी होने के बाद सरकार ने अभी तक इस मामले में अपना जवाब पेश नहीं किया है. जबकि 9 जनवरी 2013 को जवाब प्रस्तुत करने का समय दिया गया था।
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उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जा सकती
कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इतने सालों तक जवाब दाखिल नहीं करना सरकार की उदासीनता को उजागर करता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. जिसके बाद कोर्ट ने पचास हजार रुपये की कॉस्ट लगाते हुए आखिरी मौका दिया। साथ ही सीधी कलेक्टर को आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति से संबंधित समस्त रिकार्ड के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिये गये हैं।
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