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इंदौर। ऊपरी कछार में लगातार वर्षा और ओंकारेश्वर, पुनासा बांध से लगातार नर्मदा का पानी छोड़े जाने के कारण बड़वानी में भी नर्मदा का जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। बैकवाटर के कारण राजघाट, चिखल्दा व अन्य गांव पूरी तरह से जलमग्न होकर टापू बन चुके हैं। नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 10 मीटर ऊपर 135 मीटर पर है। खतरे का निशान 123.600 मीटर है।एसडीएम घनश्याम धनगर के अनुसार 135 मीटर पर नर्मदा का जलस्तर स्थिर है।नर्मदा का बहाव निरंतर सरदार सरोवर बांध की ओर बना हुआ है।प्रशासन द्वारा निचले इलाकों में अलर्ट के साथ ही पूरी मानिटरिंग की जा रही है। वहीं टापू बने गांवों में घर व मंदिर जलमग्न है। जिले में 1 जून से अब तक 396 मिमी वर्षा हुई है।
नर्मदा नदी पर बनें तवा बांध और ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने पर इसमें उफान आ गया है। सभी जगह जलस्तर लगातार बढ़ने लगा है। बुधवार को भी नर्मदा तट पर बने बरगी तवा एवं ओंकारेश्वर बांध पानी से लबालब होने के चलते बांधों के गेट खोल कर बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया। बांधों का पानी छोड़ने से नर्मदा का जलस्तर बढ़ा सुरक्षा के मद्देनजर महेश्वर में तहसीलदार मुकेश बामनिया द्वारा पर्यटकों के लिए किलाघाट बंद कर दिया गया। सुरक्षा की दृष्टि से गोताखोरों एवं पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, वही नगर परिषद द्वारा नगर में नर्मदा तट पर नहीं जाने को लेकर मुनादी भी कराई गई। बढ़ते जलस्तर को लेकर प्रशासन द्वारा लगातार मानिटरिंग कर नजर रखी जा रही है।
गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के 16 अगस्त की रात्रि में 23 गेट से अब 3.25 मीटर खोलकर 5 लाख क्यूसेस व नहरों के माध्यम से 58 हजार 500 क्यूसेस पानी की निकासी की जा रही है। ऐसे में 17 अगस्त सुबह 6 बजे तक सरदार सरोवर बांध से 5 लाख 58 हजार 500 क्यूसेस पानी प्रति सेकंड की निकासी की जा रही है। जबकि इसके मुकाबले बांध में आवक 5 लाख 28 हजार क्यूसेस प्रति सेकंड की हो रही है। जिसके चलते मध्य प्रदेश के सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के 4 जिले धार, अलीराजपुर, बड़वानी व खरगोन के डूब के इलाकों में जलस्तर अब तेजी से नहीं बढ़ रहा है, हालांकि अभी भी सरदार सरोवर बांध अपने पूर्ण जल संग्रहण क्षमता 138.68 मीटर से चार मीटर खाली है।