हरदा। कृषि विज्ञानियों के दल द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर फसल का जायजा लिया जा रहा है। बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र हरदा के पौध संरक्षण विशेषज्ञ मुकेश कुमार बकोलिया ने सिरकंबा, नकवाड़ा, बालागांव एवं अन्य गांवों का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि वर्तमान समय में सोयाबीन फसल में कहीं-कहीं पीला मोजेक रोग एवं तना मक्खी का प्रकोप देखा गया है।
पीला मोजेक रोग में पौधों की पतियों पर हरे-पीले अनियमित चमकीले धब्बे तथा मुख्य शिराये पीली पड़ जाती है। पत्तियां मोटी, खुरदरी एवं सिकुड़ी हुई नजर आती है। उन्होंने बताया कि तना मक्खी के प्रकोप के समय सर्वप्रथम तना मक्खी पत्ती के निचली सतह पर अंडे देती है। अंडे से इल्ली पत्तियों के डंठल से होती हुई तने मे घुसकर उपर से नीचे की ओर सुरंग बनाकर नुकसान पहुंचाती है।
प्रभावित पौधों के तने को चीरकर देखने पर लाल से भूरे रंग की सुरंग दिखाई देती है। पत्तियां धीरे-धीरे पीली पड़ने लगती है। पीला मोजेक रोग वाहक सफेद मक्खी एवं तना मक्खी के नियंत्रण लिए अनुशंसित पूर्व मिश्रित कीटनाशी रसायन बीटासायफ्लूथ्रिन प्लस इमिडाक्लोप्रिड 140 मिली प्रति एकड़ अथवा पूर्व मिश्रित थायोमेथाकजाम प्लस लेम्बडासायहेलोथ्रिन 50 मिलीमीटर प्रति एकड का छिड़काव पावर पंप द्वारा 100 से 125 लीटर एवं हाथ पंप द्वारा 200 से 250 लीटरपानी मे घोल बनाकर करें।
कृषि विज्ञान केंद्र को दिए 1500 फलदार पौधे
इधर कृषि विज्ञान केंद्र हरदा को रुपई एग्री फोरेस्ट प्राइवेट लिमिटेड ने बुधवार को 1500 फलदार पौधे निश्शुल्क प्रदान किए हैं। इनमें करोंदा, आम, जामुन, कटहल, अमरूद आदि के पौधे शामिल हैं। केंद्र प्रमुख ने बताया कि करोंदे के पौधों का उपयोग केंद्र के फार्म की सजीव फैंसिंग के लिए किया जाएगा। वहीं अन्य फलदार पौधों को न्यूट्रि स्मार्ट ग्राम सुल्तानपुर एवं अबगांव खुर्द की महिलाओं को पोषण उद्यान में लगाने के लिए वितरित किया जाएगा। केंद्र प्रमुख ने इसके लिए संस्था का आभार जताया है।