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Update: 2022-06-28 14:33 GMT

जोबट। कई वर्षों से जो सपना जोबट के वासी देख रहे थे, वह जल्द ही पूरा होने जा रहा है। यहां पर रेलवे का स्टेशन 80 प्रतिशत बनकर तैयार हो चुका है। रेलवे स्टाफ क्वार्टर निर्माण के लिए मंगलवार को भूमिपूजन किया गया है। अफसरों का कहना है कि रेलवे स्टेशन का काम भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। भूमिपूजन डिस्ट्रिक्ट चीफ इंजीनियर कंस्ट्रक्शन डीएम सिंह द्वारा किया गया।

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इस मौके पर रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर सत्येंद्र कुमार सिंह, केतनभाई सूरत ठेकेदार, महेश भाई, आरके चौधरी, एमएन पारसुनिया ठेकेदार, ईश्वरसिंह राणा के साथ ही कई अन्य अधिकारी एवं रेलवे स्टाफ के लोग उपस्थित थे। पूजन पं. रामचंद्र उपाध्याय द्वारा मंत्रोधाार के साथ करवाया गया। चीफ इंजीनियर कंस्ट्रक्शन सिंह ने बताया कि क्वार्टर निर्माण का काम नौ माह में पूरा हो जाएगा। रेलवे स्टेशन का काम करीब 20 प्रतिशत बाकी है। इसे भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा। यहां प्लेटफार्म नंबर दो पर सरफेसिंग का काम अभी होना है। स्टेशन का पहुंच मार्ग भी बनाया जाना है।

आए दिन हो रही चोरियां, रेलवे को पहुंच रहा नुकसान
डीएम सिंह ने जोबट रेलवे स्टेशन क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान स्टेशन निर्माण में कई कमियां दिखाई दीं, जिसे लेकर उन्होंने वहां काम कर रहे जिम्मेदार कर्मचारियों को फटकार लगाई एवं जल्द से जल्द पारदर्शिता से पूरा काम संपन्न करने के निर्देश भी दिए। कहा कि कंस्ट्रक्शन एरिया में आए दिन चोरी की घटनाएं हो रही हैं, जिससे रेलवे को काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से पेट्रोलिंग बढ़ाने का आग्रह किया है। बता दें कि क्षेत्र में रेलवे द्वारा चुनी गई जमीन का कुल क्षेत्रफल 1147 हेक्टेयर है, जिसमें से 541 हेक्टेयर अधिग्रहित कर ली गई है। 606 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करना शेष है। इसमें 248 हेक्टेयर वन विभाग की भूमि है।
इधर, आलीराजपुर में रेल सेवा बहाल होने का इंतजार
छोटा उदयपुर से धार रेल परियोजना के तहत आलीराजपुर शहर साल 2019 में शहर रेल सेवा से जुड़ा था। हालांकि पांच माह रेलगाड़ी चलने के बाद ही कोरोना महामारी के कारण इस पर ब्रेक लग गया। इस बीच रेलवे ने उक्त मार्ग पर विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया। अब मुख्यालय से रेल सेवा बहाल किए जाने के आदेश का इंतजार है। आदेश आते ही आलीराजपुर तक रेलगाड़ी चलना प्रारंभ हो जाएगी। 30 अक्टूबर 2019 को आलीराजपुर की धरती पर पहली यात्री रेल आई थी। बड़ौदा से छोटा उदयपुर के बीच रेल लाइन पहले से बिछी थी।
छोटा उदयपुर से आलीराजपुर तक 48 किमी रेल लाइन के लिए यहां के बाशिंदों को आजादी के बाद 72 साल इंतजार करना पड़ा। यह लाइन छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना का हिस्सा है। जब यहां तक रेल सेवा पहुंची तो लगा था कि अब अन्य शहरों से भी रेल संपर्क समय के साथ जुड़ जाएगा। हालांकि करीब 5 माह ही रेल का संचालन हो पाया था कि कोरोना महामारी के कारण मार्च में परिचालन बंद हो गया। इस बीच रेलवे ने विद्युतीकरण का कार्य आरंभ कर दिया। रेलवे का कहना है कि उक्त काम पूरा होने के बाद ही रेलगाड़ी का परिचालन प्रारंभ होगा।
बता दें कि आलीराजपुर से बड़ौदा के लिए लोगों को फिलहाल सड़क मार्ग से जाना पड़ रहा है। बस में प्रति व्यक्ति किराया 150 रुपये है, जबकि रेल में यह 35 रुपये लग रहा था। रेल से बेहद कम किराये में फल, सब्जी सहित अन्य वनोपज बड़ौदा पहुंच रही थी। व्यापार, चिकित्सा सहित अन्य काम के लिए भी बड़ी संख्या में यहां से लोग गुजरात जाते हैं। काफी कम किराये में वे बड़ौदा तक पहुंच रहे थे। प्रवासी श्रमिकों को भी रेल सेवा का खासा लाभ मिल रहा था।
टाइम टेबल को रिवर्स करने की मांग पर भी ध्यान नहीं
रेलवे द्वारा निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार रेलगाड़ी सुबह बड़ौदा से चलती है और शाम को यहां से। इसे रिवर्स करने की मांग उठाई जाती रही है। अगर रेलगाड़ी सुबह यहां से चले और शाम को लौटे तो अधिक फायदा क्षेत्र को मिल सकेगा। रेलवे स्टेशन नगर से 7 किमी दूर ग्राम सेजा में है। रेलगाड़ी का ठहराव नगर में किए जाने की मांग भी उठती रही है।
रेलवे स्टेशन पड़ा वीरान, चोरियों की घटनाएं भी हो चुकीं
रेलगाड़ी का संचालन न होने से सेजा स्थित स्टेशन वीरान पड़ा है। यहां पूर्व में चोरियों की घटनाएं भी हो चुकी हैं। अब यह सेल्फी पाइंट बन गया है। नगर के युवा यहां सेल्फी लेने के लिए पहुंच रहे हैं। स्टेशन खुलने के बाद आसपास ग्रामीणों ने दुकानें भी खोल ली थीं। जब से रेल बंद हुई, व्यवसाय ठप हो गया।
इनका कहना
रेल सेवा प्रारंभ किए जाने के संबंध में फिलहाल मुख्यालय से कोई सूचना नहीं आई है। सूचना आते ही रेल सेवा प्रारंभ कर दी जाएगी। -प्रदीप शर्मा, पीआरओ, बड़ौदा रेल मंडल
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