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मंदसौर। मंडी की अव्यवस्थाओं और मंडी सचिव के व्यवहार के नाराज व्यापारियों ने सोमवार को जमकर आक्रोश जताया। सोमवार को व्यापारियों ने उपज की नीलामी शुरू नहीं की और सभी व्यापारी एकत्रित होकर हंगामा करने लगे। व्यापारियों ने मंडी के मुख्य गेट को बंद किया और मंडी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। व्यापारियों ने नीलामी शुरू नहीं की तो किसान भी आक्रोशित हो गए और किसानों ने भी हंगामा शुरू कर दिया, नारेबाजी करते हुए किसान मंडी के सामने महू-नीमच राजमार्ग पर पहुंचे चक्काजाम कर दिया। व्यापारी और किसानों के हंगामे की जानकारी मिलते ही विधायक यश्पालसिंह सिसोदिया, एसडीएम एवं मंडी के भारसाधक बिहारीसिंह पहुंचे। किसानों और व्यापारियों से चर्चा की। बाद में मंडी के अधिकारी, व्यापारी और किसानों के प्रतिनिधि के साथ बैठक की। बैठक में मंडी सचिव ने हाथ जोड़कर व्यापारियों से माफी मांगी। इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे से मंडी में नीलामी शुरू हुई।
सोमवार को मंडी में उपज की बंपर आवक हुई। सुबह उपज से भरे वाहनों की आवक भी जारी थी। सुबह नीलामी शुरू होने से पहले व्यापारी एकत्र हुए नीलामी शुरू नहीं करते हुए अपनी मांगों को लेकर हंगामा करने लगे। व्यापारी संघ अध्यक्ष राजेन्द्र नाहर का कहना था कि 17 मई को हमने मंडी में आवेदन सौंपकर कहा था कि मंडी में किसानों से हम्माली के रुपये काटने पर विवाद की स्थिति बनती है। इसके साथ ही मंडी की अन्य अव्यवस्थाओं सहित तीन-चार मांगे बताई थी। इसके बाद मंडी सचिव जगदीशचंद्र परमार ने मुझसे फोन पर गलत तरीके से बात करते की थी। इससे व्यापारी नाराज हो गए। मंडी सचिव के व्यवहार और मंडी की व्यवस्थाओं से परेशान व्यापारियों ने सोमवार को मंडी में आक्रोश जताया।