सागवान की लकड़ी की तस्करी के लिए चुराते थे वाहन, पुलिस ने तीन आरोपियों दबोचा
60 दोपहिया वाहन व एक ट्रैक्टर बरामद किया है
जनता से रिस्ता वेबडेस्क: मध्यप्रदेश के देवास जिले की पुलिस ने ऐसे वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है जो सागवान की लकड़ी की तस्करी के लिए वाहन चुराते थे। दो-चार बार तस्करी करने के बाद उन वाहनों को सस्ते दामों में गांवों में बेचते थे। 60 दोपहिया वाहन व एक ट्रैक्टर बरामद किया है। इनकी कीमत करीब 40 लाख रुपये है। सागवान की लकड़ी की तस्करी के लिए चुराते थे वाहन, पुलिस ने तीन आरोपियों दबोचा को गिरफ्तार किया है। इनमें दो सगे भाई हैं। इंदौर और हरदा जिले में भी आरोपियों के खिलाफ कई केस दर्ज हैं।
देवास एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह ने सोमवार को वारदात का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि 13 फरवरी को नेमावर पुलिस ने हरदा की तरफ से आने वाले बिना नंबर की बाइक पर सवार युवक ने नेमावर पुल के पास पुलिस चैकिंग होते देखी तो युवक अपनी बाइक तेजी से हरदा की ओर लेकर भागने लगा। पुलिस ने पीछा कर उसे हिरासत में लिया। पूछताछ में पता चला कि बाइक के नंबर व चेचिस नंबर घिसे हुए हैं। इसके बाद पूछताछ शुरू की और दो अन्य युवकों को गिरफ्तार किया। इन्होंने वाहन चोरी करना कुबूल किया। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने 60 दोपहिया वाहन व 1 ट्रैक्टर जब्त किया है, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग 40 लाख रुपए बताई गई है। आरोपियों के नाम कपिल पिता कैलाश मालवीय (24) निवासी खालवा, विनोद पिता लक्ष्मण मालवीय (32) निवासी खालवा, तरुण पिता कैलाश मालवीय (19) निवासी खालवा है। आरोपी कपिल और तरुण सगे भाई हैं। चोरी के वाहन इतने थे कि थाने में जगह नहीं थी। पुलिस लाइन में ये वाहन रखने पड़े।
देवास-इंदौर के आसपास से चुराते थे वाहन
पुलिस ने बताया कि वाहन चोर गिरोह का सरगना कपिल मालवीय व उसका साथी देवास, इंदौर के आसपास के क्षेत्र से वाहन चुराते हुए वाहनों को ग्रामीण क्षेत्र में सप्लाय करता था। उक्त चोरी किए हुए वाहनों से आरोपियों द्वारा अवैध शराब व अवैध लकड़ियों का परिवहन किया जाता था। जब पुलिस बल व वन विभाग द्वारा चैकिंग की जाती थी तो आरोपी वाहन छोडक़र भाग जाते थे। पुलिस ने बताया कि गिरोह का सरगना कपिल व उसके साथी विनोद पर आधा दर्जन से अधिक विभिन्न थानों पर अपराध दर्ज हैं।
ट्रैक्टर तलाश रही थी पुलिस
इस पूरे मामले में एक कहानी यह भी सामने आई है कि पुलिस को इतने बड़े वाहन चोरी के गिरोह का पता ही नहीं था। नेमावर थाना क्षेत्र से एक ट्रैक्टर चोरी हुआ था जिसकी तलाश में पुलिस जुटी थी। ट्रैक्टर की तलाशी के चलते ही पुलिस चेकिंग कर रही थी और चेकिंग के दौरान ही बाइक चोरी का खुलासा हुआ। पुलिस का मानना है कि जितने वाहन अभी जब्त हुए हैं उतने ही और भी हो सकते हैं। इंदौर, हरदा अन्य जिलों से भी वाहन चुराए गए हैं।
दिन में चुराते थे बाइक
आरोपी इतने शातिराना ढंग से वारदात करते थे कि पुलिस को भनक नहीं लगती। सुनसान इलाकों में आरोपी जाते और चारों तरफ देखकर वाहन चुरा लेते। ये चोरी दिन में ही करते थे। वाहन चुराने के बाद नेमावर क्षेत्र के गांव में पहुंच जाते। इन वाहनों के चेचिस नंबर को मिटाकर इनसे सागवान की लकड़ी की तस्करी करते। जब कहीं पुलिस की चेकिंग होती देखते तो वाहन वहीं छोड़ जाते। तीन या चार बार तस्करी के बाद बाइक को गांवों में जाकर सस्ते दाम में बेच देते थे। पुलिस अब इनके फरार साथियों की तलाश कर रही है और वाहनों के नंबरों के आधार पर उनके मालिकों को ढूंढ रही है।