इंदौर न्यूज़: देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के नवलखा स्थित बाफना हॉस्टल का भवन जर्जर हो चुका है. पांच साल से इस हॉस्टल में एक भी छात्र को नहीं ठहराया गया. हॉस्टल की मरम्मत के लिए कराए सर्वे में इंजीनियरों की टीम ने इसे जर्जर बताते हुए पूरा ढहाने की सिफारिश की है. इसके बाद नई बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव भी तैयार हुआ, लेकिन ये बिल्डिंग फाइलों में ही रह गई. बाफना हॉस्टल 2018 से बंद है. प्राइम लोकेशन के इस हॉस्टल में करीब 100 विद्यार्थियों को ठहराने की व्यवस्था है. कोविड से पहले इस हॉस्टल के सुधार के लिए एसजीएसआइटीएस की टीम ने सर्वे किया था. टीम ने हॉस्टल की मरम्मत करने के बजाय इसे ढहाकर नई बिल्डिंग बनाने की सिफारिश की. इसके बाद लॉकडाउन लग गया. लॉकडाउन के बाद यूनिवर्सिटी ने तीन करोड़ रुपए की लागत से निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया. माना जा रहा था कि सालभर में काम शुरू हो जाएगा, लेकिन अब तक इसके टेंडर ही जारी नहीं हुए हैं.
22 लाख देने को राजी था बाफना ट्रस्ट: बाफना हॉस्टल की नई बिल्डिंग के निर्माण में बाफना ट्रस्ट ने 22 लाख रुपए देने की सहमति दी, लेकिन यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने इसमें रुचि ही नहीं दिखाई. चीफ वार्डन डॉ. जीएल प्रजापति ने बताया, इंजीनियरों की रिपोर्ट के बाद बाफना हॉस्टल का निर्माण नए सिरे से होना है.