इंदौर न्यूज़: देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से जारी होने वाली डिग्री में अब नए सिक्योरिटी फीचर्स शामिल किए जा रहे है. दावा है कि इससे डुप्लीकेसी की आशंका पर पूरी तरह लगाम लग जाएगी. खास बात यह है कि वेरिफिकेशन के लिए लंबा इंतजार भी नहीं करना होगा. क्यूआर कोड स्कैन करते ही डिग्री से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकेगी.
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में बाद से नए प्रारूप की डिग्री जारी होने लगेगी. शुरुआती तौर पर इसमें सिर्फ एक बदलाव हस्ताक्षर का रहेगा. पूर्व में कुलपति के हस्ताक्षर से ही डिग्री जारी होती थी, लेकिन नए प्रारूप में हस्ताक्षर की जगह डिजिटल हस्ताक्षर जोड़े गए हैं. कई दिनों तक चली टेस्टिंग के बाद इसे हरी झंडी दे दी गई. कुलपति प्रो.रेणु जैन ने बताया कि इसकी अधिकृत रूप से घोषणा कर दी जाएगी विद्यार्थियों को डिजिटल हस्ताक्षर वाली डिग्री मिलने लगेगी.
खत्म होगा बैकलॉग
यूनिवर्सिटी में डिग्री के लिए रोजाना 400 से 500 आवेदन आते है. हर डिग्री सिर्फ कुलपति के हस्ताक्षर से ही जारी होती है. कई विद्यार्थी तत्काल डिग्री के लिए गुहार लगाकर सीधे यूनिवर्सिटी से डिग्री ले लेते हैं. नई व्यवस्था लागू होने से सप्ताहभर में ही बैकलॉग खत्म हो जाएगा.
डिग्री में लगी गोपनीय सील
कुलपति प्रो.जैन ने यह भी बताया कि डिजिटल हस्ताक्षर के बाद जल्द ही कुछ नए सिक्योरिटी फीचर्स भी जोडऩे की योजना है. डिग्री में एक गोपनीय सील है जिससे असली और नकली डिग्री की पहचान होती है. इसकी कलर फोटोकॉपी करने पर प्रिंटआउट में डुप्लीकेट प्रिंट लिखा हुआ होगा. हम क्यूआर कोड के जरिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन की भी व्यवस्था करने जा रहे हैं.