Ujjain: श्रावण के दूसरे सोमवार पर निकली गई महाकाल की दो पालकी

Update: 2024-07-30 11:27 GMT
Ujjain उज्जैन : श्रावण मास के दूसरे सोमवार पर बाबा महाकाल की दूसरी सवारी में बाबा महाकाल की हूबहू पालकी निकाले जाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। पुजारियों ने इस परंपरा का विरोध करते हुए इसे मंदिर की परंपरा, व्यवस्था और अस्तित्व पर सवाल खड़ा करने वाला बताया है।
 महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा के अनुसार, बाबा महाकाल की सवारी में सिर्फ एक ही पालकी निकाली जानी चाहिए जिसमें भगवान को विराजित किया जाए। उनके अनुसार, यदि कोई दूसरी हूबहू पालकी निकालता है तो यह सनातन धर्म के साथ धोखा है और इसे मंदिर की परंपरा का उल्लंघन मानना चाहिए। उन्होंने श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति से इस तरह की पालकियों पर रोक लगाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
अन्य पुजारियों ने भी इस मामले पर अपना आक्रोश व्यक्त किया है। श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के सदस्य पं. प्रदीप गुरु ने कहा कि इस तरह की पालकियों का निकलना एक अपराध के समान है और इसे रोकने की जरूरत है। समिति के सदस्य राम पुजारी और राजेंद्र शर्मा ने भी इस परंपरा के उल्लंघन की निंदा की और इसे रोकने की मांग की। सिद्धि विनायक गणेश मंदिर के पुजारी पंडित दिलीप उपाध्याय ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारी के दौरान भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है, क्योंकि वे यह नहीं समझ पाते कि वे किस पालकी के दर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी भ्रमित करने वाली पालकियों पर रोक लगनी चाहिए, ताकि सवारी की गरिमा और परंपरा को बनाए रखा जा सके।
समाज और धार्मिक संस्थाओं के द्वारा इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है, ताकि धार्मिक परंपराओं का सही तरीके से पालन हो सके और श्रद्धालुओं को किसी भी तरह के भ्रम से बचाया जा सके। दरअसल, सोमवार को हूबहू पालकी निकलने से श्रद्धालु भी भ्रमित हुए कि वास्तविक महाकाल कौन-से हैं? इस पर महाकाल मंदिर के पुजारियों में आक्रोश है।
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