Ujjain उज्जैन : महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की सेवा करने वाले कुछ सेवादारों ने भक्तों से अनधिकृत राशि वसूलकर करोड़ों की संपत्ति जुटा ली है। पुलिस जांच में सभा मंडप प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई प्रभारी विनोद चौकसे के खातों और संपत्तियों में बड़े अनियमित लेनदेन का खुलासा हुआ है।
कैसे हुआ मामला उजागर
एसपी प्रदीप शर्मा के अनुसार, कलेक्टर और मंदिर समिति अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने हाल ही में नंदी हॉल में दर्शन कराने के नाम पर श्रद्धालुओं से 1100 रुपये वसूलने वाले पुरोहित और उनके सहायक को पकड़ा था। इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज होने के बाद जांच के दौरान सभा मंडप प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई प्रभारी विनोद चौकसे पर संदेह हुआ।
बैंक खातों की जांच में पता चला कि विनोद चौकसे के खाते में छह महीनों में 50 लाख रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ। वहीं, राकेश श्रीवास्तव ने 1.2 करोड़ रुपये का एक महंगा प्लॉट खरीदा। दोनों के खातों में अन्य राज्यों से भी हजारों रुपये प्रतिदिन जमा किए जा रहे थे, जिसकी जानकारी वे पुलिस को नहीं दे सके।
संपत्ति और ट्रांजैक्शन पर सवाल
पुलिस लगातार इन दोनों कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है कि उनके खातों में इतनी बड़ी रकम कैसे और कहां से आई। शुरुआत में दोनों पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करते रहे, लेकिन जब बैंक रिकॉर्ड सामने आए, तो वे चुप्पी साध गए।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि विनोद चौकसे अपनी बेटी के खाते में भी श्रद्धालुओं से मिली रकम जमा करवाता था। बेटी क्रिस्टल कंपनी में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत है। पुलिस अब बेटी और पत्नी के खातों की भी जांच कर रही है, क्योंकि विनोद की गिरफ्तारी के बाद से उनका घर बंद है और परिवार के सदस्य गायब हैं।
कार्रवाई और सेवा समाप्ति
महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि दोनों कर्मचारियों को अनियमितताओं के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
पुलिस की आगामी कार्रवाई
एएसपी नितेश भार्गव की टीम दोनों कर्मचारियों के पिछले एक साल के बैंक ट्रांजैक्शन और संपत्ति की पूरी जानकारी जुटा रही है। जांच में अब तक मिले तथ्यों से स्पष्ट है कि दोनों कर्मचारी करोड़पति बन चुके हैं। इस मामले ने न केवल मंदिर प्रशासन को झकझोर दिया है, बल्कि श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। मामले में आगे की जांच जारी है।