भोपाल न्यूज़: जहां चाह, वहां राह...यह कहावत जितनी पुरानी है, उतनी ही यर्थाथ. मंडला के मनेरी में 2004 तक जहां झाड़ियां थी. क्षेत्र गंभीर जैविक दबाव में था, वहां ग्राम वन समिति की कल्लो बाई और शालिनी झारिया ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर घना जंगल तैयार कर दिया. आज वहां 192 हेक्टेयर जमीन पर जंगल है. इतना ही नहीं, दोनों महिलाओं ने वन संरक्षण और प्रबंधन के लिए समुदाय को संगठित किया. उनके उत्कृष्ट कार्यों को देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सराहा. 2021 में पर्यावरण दिवस पर सम्मानित किया.
समुदाय ने लाभ भी कमाया
जनजातीय ग्राम वन समिति ने जंगल बहाल किया तो वन विभाग ने स्थानीय समुदायों को वन प्रबंधन वउनकी बहाली में शामिल कर सूबे के खाली वन क्षेत्रों को वन संपदा से समृद्ध करने में कामयाबी हासिल की. पिछले 2 साल में समुदाय ने 3,526 सागौन व 31 ईंधन के ढेर से लाभ भी कमाया.
2003-04 और 2005-06 के बीच यहां जंगल बहाली का काम शुरू हुआ. इस काम में जुटी ग्राम वन समिति मनेरी का नेतृत्व कल्लो बाई मार्को और शालिनी कर रही थीं. दोनों ने वन संरक्षण और प्रबंधन के लिए समुदायों को जोड़ा. समुदाय आगे आया तो राह आसान होती चली गई. करीब 17 साल की मेहनत और लगन ने समिति को बड़ी सफलता दिलाई. 192 हेक्टयर रकबे में जंगल खड़ा हुआ तो जैव पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत हो गया.
कम नहीं थीं चुनौतियां
मनेरी में 2004 क्षेत्र वनस्पति रहित था. यहां 186 हेक्टेयर क्षेत्र को वन पुनर्घनत्वीकरण करने का जिम्मा वन समिति को सौंपा. औद्योगिक क्षेत्र के पास होने से यह क्षेत्र गंभीर दबाव में था. फिर भी स्थानीय समुदायों ने कटाई-चराई के खिलाफ वनों की सुरक्षा की.